महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में मंत्री संजय शिरसाट ने शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत की हाल ही में प्रकाशित किताब और उनके दावों को बेबुनियाद बताया। शिरसाट ने राउत की किताब को “नौटंकी” करार देते हुए कहा कि उन्होंने जेल में रहते हुए मनगढ़ंत कहानियां रची और किताब की शक्ल में पेश कर दीं।
शिरसाट ने विशेष रूप से राउत के उस दावे पर सवाल उठाया, जिसमें उन्होंने लिखा है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और उनके बेटे ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से मदद मांगने के लिए मातोश्री का दौरा किया था।
शिरसाट ने कहा, “बालासाहेब ठाकरे ने नरेंद्र मोदी और अमित शाह की मदद की, लेकिन उन्होंने कभी इस बात को सार्वजनिक रूप से नहीं कहा। संजय राउत को यह कैसे पता कि अमित शाह और उनका बेटा मातोश्री आए थे? यह दावा पूरी तरह से बेबुनियाद है।”
उन्होंने राउत पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसी कहानियां लिखकर वे केवल सुर्खियां बटोरने की कोशिश कर रहे हैं।
शिरसाट ने इंडिया ब्लॉक पर भी निशाना साधा। वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम के इंडिया ब्लॉक पर उठाए सवालों का हवाला देते हुए कहा कि गठबंधन के नेता एक-दूसरे के साथ तालमेल नहीं बिठा पा रहे। इंडिया गठबंधन के नेता अलग-अलग दिशाओं में बात करते हैं। लोकसभा चुनाव में इसकी वजह से उन्हें नुकसान हुआ। अब कई नेता कह रहे हैं कि अगर वे अलग-अलग लड़े होते, तो उनकी सीटें बढ़ सकती थीं। आगामी स्थानीय चुनावों में यह गठबंधन टिक नहीं पाएगा क्योंकि महागठबंधन का कोई अस्तित्व नहीं है, न आज है और न भविष्य में होगा।
ऑपरेशन सिंदूर को लेकर भी शिरसाट ने विपक्षी नेताओं को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा के लिए जरूरी था, क्योंकि यह आतंकवाद के खिलाफ एक मजबूत जवाब था। देश के अस्तित्व पर हमला हुआ था और उसका जवाब देना जरूरी था। ऐसे समय में विवादित बयान देना उचित नहीं है। शिवसेना (शिंदे गुट) और महाराष्ट्र सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा और विकास के मुद्दों पर एकजुट हैं। मैं देश की जनता से अपील करता हूं कि वे बहकावे में न आएं और देश की एकता का समर्थन करें।