कोलकाता, 6 जुलाई । ईडी ने शुक्रवार को पश्चिम बंगाल में सारदा चिटफंड मामले में कांग्रेस के राज्यसभा सदस्य और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की पत्नी नलिनी चिदंबरम के नाम वाली तीसरी पूरक चार्जशीट पेश की। हालांकि, विशेष अदालत ने अभी तक चार्जशीट स्वीकार नहीं की है।
अदालत ने कहा कि केंद्रीय एजेंसी द्वारा और अधिक पुष्ट दस्तावेज पेश करने के बाद ही मामले में संज्ञान लिया जाएगा। सूत्रों ने बताया कि ईडी के वकील ने शुक्रवार दोपहर कोलकाता में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में 1,100 पन्नों का दस्तावेज पेश किया। इसमें 65 पन्नों का मुख्य आरोपपत्र भी शामिल है।
सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया है कि नलिनी चिदंबरम को सारदा समूह के संस्थापक अध्यक्ष सुदीप्त सेन से 1.5 करोड़ रुपये मिले थे।
ईडी ने दावा किया है कि हालांकि नलिनी चिदंबरम ने कहा है कि उन्हें कर सलाहकार के तौर पर कानूनी परामर्श शुल्क के तौर पर पैसे मिले थे, लेकिन वह इसके लिए कोई सहायक दस्तावेज पेश नहीं कर सकीं।
आरोप पत्र दाखिल किए जाने के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश ने नलिनी चिदंबरम का नाम शामिल किए जाने पर कुछ तकनीकी सवाल उठाए, साथ ही केंद्रीय एजेंसी से पूछा कि 11 साल बाद तीसरा पूरक आरोप पत्र क्यों पेश किया गया।
आरोप पत्र में नलिनी चिदंबरम का नाम शामिल किए जाने पर विशेष अदालत ने सवाल किया कि अगर कोई कर सलाहकार किसी मुवक्किल से पेशेवर के तौर पर परामर्श शुल्क लेता है, तो उसे भ्रष्टाचार कैसे माना जा सकता है।
अदालत ने यह भी सवाल किया कि क्या किसी अपराध के आरोपी व्यक्ति की ओर से मुकदमा लड़ने वाले किसी वकील को अपराध में भागीदार माना जा सकता है।
अंत में, न्यायाधीश ने कहा कि वह इस मामले में तभी संज्ञान लेंगे, जब केंद्रीय एजेंसी अदालत की संतुष्टि के लिए मामले में और अधिक पुष्ट सबूत पेश करेगी।