देश की सबसे बड़ी चीनी मिलों में से एक, सरस्वती शुगर मिल्स (एसएसएम), यमुनानगर को अंतर्राष्ट्रीय समान शर्करा विश्लेषण विधि आयोग (आईसीयूएमएसए) के 34वें सत्र में भारतीय शर्करा प्रौद्योगिकीविद संघ द्वारा सर्वोत्तम गुणवत्ता वाली परिष्कृत चीनी के उत्पादन के लिए ‘उत्कृष्टता पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
हाल ही में नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में आईसीयूएमएसए के प्रमुख डॉ. पीटर ने एसएसएम की प्रबंधन सदस्य नैना पुरी, एसएसएम के मुख्य कार्यकारी एसके सचदेवा तथा एसएसएम के वरिष्ठ अधिकारी सत्यवीर सिंह को यह पुरस्कार प्रदान किया।
एसएसएम के प्रबंध निदेशक आदित्य पुरी ने कहा कि यह पुरस्कार प्राप्त करना एसएसएम के लिए बड़े सम्मान की बात है। उन्होंने कहा कि उन्होंने अत्याधुनिक शोधन प्रौद्योगिकियों में निवेश किया है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि उनके उत्पाद सर्वाधिक मांग वाले अंतर्राष्ट्रीय विनिर्देशों के अनुरूप हों।
उन्होंने आगे कहा कि वे सिर्फ चीनी का उत्पादन नहीं कर रहे हैं, बल्कि वे भारत में एक टिकाऊ और उच्च गुणवत्ता वाले चीनी उद्योग के भविष्य को आकार दे रहे हैं।
आदित्य पुरी ने कहा, “एसएलओपी-फायर बॉयलर और 5.63 मेगावाट सह-उत्पादन बिजली संयंत्र के साथ 160 केएलपीडी डिस्टिलरी में हमारा हालिया निवेश पर्यावरण अनुकूल प्रथाओं और ऊर्जा दक्षता पर हमारे फोकस को दर्शाता है।”
एसएसएम (गन्ना) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष डीपी सिंह ने बताया कि एसएसएम में 15 आईयू-आईसीयूएमएसए की उत्कृष्ट गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन किया जा रहा है, जबकि विश्व स्तर पर इसका मानक 25 आईयू-आईसीयूएमएसए है।
डीपी सिंह ने बताया, “इस तरह सरस्वती शुगर मिल में विश्व स्तर से भी उच्च गुणवत्ता वाली चीनी का उत्पादन हो रहा है। कम आईयू वाली चीनी बेहतर मानी जाती है।”