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सरिस्का बाघ फिर हरियाणा में घुसा, ग्रामीण चिंतित

Sariska tiger again enters Haryana, villagers worried

गुरुग्राम, 19 अगस्त राजस्थान के सरिस्का बाघ अभयारण्य से एक ढाई साल का बाघ हरियाणा में घुस आया है और उसने अंतरराज्यीय सीमा पर पांच ग्रामीणों को घायल कर दिया है, जिससे रेवाड़ी क्षेत्र में दहशत फैल गई है।

सरिस्का बाघ के हरियाणा में प्रवेश करने की सूचना, रेवाड़ी में अलर्ट (गुरुग्राम से सुमेधा शर्मा द्वारा भेजा गया) बताया जा रहा है कि बाघ झाबुआ आरक्षित वन क्षेत्र में है। अलर्ट जारी कर लोगों से इलाके में न निकलने को कहा गया है। किसानों से भी कहा गया है कि वे अपने खेतों में न जाएं और अगर उन्हें बाघ दिखाई दे या उसके पैरों के निशान दिखें तो अधिकारियों को सूचित करें।

बाघ – एसटी-2303 – करीब 100 किलोमीटर की यात्रा करके रेवाड़ी जिले के झाबुआ आरक्षित वन में पहुंचा। यह दूसरी बार है जब यह बाघ इस इलाके में भटक कर आया है। इससे पहले यह इस साल जनवरी में रेवाड़ी में घुसा था, जब इसने यहां कुछ किसानों पर हमला किया था।

पैरों के निशान दिखे, अलर्ट जारी बाघ के रेवाड़ी जिले के झाबुआ आरक्षित वन क्षेत्र में होने की सूचना है अलर्ट जारी कर किसानों और अन्य लोगों से क्षेत्र में न निकलने को कहा गया है राजस्थान के एक गांव में बाघ ने पांच लोगों पर हमला किया है। राजस्थान वन्यजीव अधिकारियों ने बाघ का पता लगाने के लिए एक टीम भेजी है। टीम को पैरों के निशान तो मिले हैं, लेकिन बाघ का पता नहीं चल पाया है

राजस्थान वन्यजीव अधिकारियों ने बाघ का पता लगाने के लिए एक टीम भेजी है। टीम को पगमार्क तो मिले हैं, लेकिन वे बाघ को नहीं देख पाए हैं। सरिस्का के डीएफओ राजेंद्र हुड्डा के अनुसार, खड़ी फसलों, बारिश, अपरिचित इलाके और वन क्षेत्रों में पगचिह्नों की अनुपस्थिति के कारण खोज अभियान चुनौतीपूर्ण है। हुड्डा ने ट्रिब्यून से बात करते हुए कहा, “हमारी टीम लगातार बाघ की गतिविधियों पर नजर रख रही है। यह हरियाणा के झाबुआ में प्रवेश कर चुका है।

हमें इसके पगमार्क मिले हैं, लेकिन हम बाघ का पता नहीं लगा पाए हैं। इस समय सबसे बड़ी बाधा झाबुआ में मोटर योग्य पगचिह्नों का अभाव है। टीम जंगल में आगे नहीं जा सकती। हम कैमरे लगा रहे हैं और इसे देखने और शांत करने के अवसर की प्रतीक्षा कर रहे हैं।” राजस्थान के खैरथल गांव में बाघ ने पांच लोगों पर हमला किया है। यह हमला तब हुआ जब किसान चेतावनी के बावजूद बाघ को पकड़ने के लिए अपने खेतों में घुस गए।

जनवरी में यह बाघ कुछ दिन हरियाणा में रहने के बाद स्वयं ही राजस्थान लौट आया था। टीम के साथ आए जीवविज्ञानी गोकुल कानन ने कहा, “बाघ इस रास्ते से परिचित है क्योंकि वह जनवरी में भी यहां आया था। वह लंबे समय तक हरियाणा में नहीं रहेगा।”

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