N1Live National डरी सहमी योगी सरकार ले रही उलूल-जुलूल फैसले, जुल्म व ज्यादती का सपा करेगी विरोध : घनश्याम तिवारी
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डरी सहमी योगी सरकार ले रही उलूल-जुलूल फैसले, जुल्म व ज्यादती का सपा करेगी विरोध : घनश्याम तिवारी

Scared Yogi government is taking rash decisions, SP will protest against oppression and excess: Ghanshyam Tiwari

नई दिल्ली, 31 जुलाई । उत्तर प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को उप्र विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध (संशोधन) विधेयक को मंजूरी दी गई।

विधानमंडल सत्र के दूसरे दिन इस विधेयक को सदन से मंजूरी मिली है। यूपी सरकार ने इससे पहले विधानसभा में धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध विधेयक, 2021 पारित किया था।

यूपी विधानसभा में ‘लव जिहाद’ से जुड़ा बिल पास होने पर सपा नेता घनश्याम तिवारी ने कहा कि लंबे समय से देश में फिल्में बनती रही हैं, जिसमें एक युवक और एक युवती प्रेम करते हुए दिखाई देते थे। इस दौरान कोई एक विलन आता था, जो उनके प्रेम में खलल डालता था। मुझे लगता है आज जब भारत की बेटियां भाजपा के नेताओं को देखती हैं, तो उनको सारे विलन दिखाई देते हैं। उसे विलन स्वरूप में प्रेम चोपड़ा, अमरीश पुरी, शक्ति कपूर सब लोग दिखाई पड़ते हैं। भारतीय जनता पार्टी के नेता अपने कामों से आम आदमी के विलन बन गए हैं। उनको इससे आपत्ति है कि कोई महिला क्या पहनती है, क्या खाती है, किसके साथ घूमती है।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के 2021 और 2022 के आंकड़े बताते हैं कि यहां सबसे ज्यादा महिलाओं के खिलाफ अपराध हुए हैं। यहां 65 हजार से ज्यादा अपराध हुए। बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश की महिला खिलाड़ी सड़क पर उतरींं, लेकिन भाजपा नेताओं को सांप सूंघ गया। बिलकिस बानो के मामले में सरकार आरोपियों के साथ खड़ी रही।

उन्होंने कहा कि एक ऐसी सरकार, जो अपराधियों और भ्रष्टाचारियों के साथ खड़ी रही। योगी सरकार ऐसे कानून लाना चाहती हैं, जिससे बेटियों को डराया जा सके। आम लोग, जो एक साथ रह रहे हैं, उनको डराया जा सके। संसद में पिंजरे में मीडिया को लोगों को रखा जा रहा है। एक डरी और सहमी हुई सरकार हर रोज उलूल-जुलूल फैसले ले रही है। योगी सरकार के जुल्म के खिलाफ सपा जनता की आवाज बनेगी और आम लोगों के हित में लड़ाई लड़ती रहेगी।

पहले विधेयक में एक से 10 साल तक की सजा का प्रावधान था। संशोधन के जरिए पिछले विधेयक को सजा और जुर्माने की दृष्टि से और मजबूत किया गया है।

नए प्रावधानों के अनुसार किसी नाबालिग, दिव्यांग अथवा मानसिक रूप से दुर्बल व्यक्ति, महिला, अनुसूचित जनजाति का धर्म परिवर्तन कराया जाता है, तो दोषी को आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी। इसी तरह, सामूहिक धर्म परिवर्तन पर भी आजीवन कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा होगी।

संशोधन विधेयक में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति धर्मांतरण के संबंध में किसी विदेशी या अवैध संगठन से धन प्राप्त करता है, तो उसे कम से कम सात साल की कैद होगी, जिसे 14 साल तक बढ़ाया जा सकता है और साथ ही कम से कम 10 लाख रुपये का जुर्माना भी देना होगा।

यूपी सरकार ने सोमवार को विधानसभा में यह विधेयक रखा था, जिसे मंगलवार को पास कर दिया गया। अब इसे विधान परिषद को भेजा जाएगा। दोनों सदनों से पारित होने के बाद यह राज्यपाल के पास जाएगा। फिर इसे राष्ट्रपति को भेजा जाएगा। राष्ट्रपति इस पर अंतिम फैसला लेंगी।

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