हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग (एचपीएससीसी) के अध्यक्ष कुलदीप कुमार धीमान ने मंगलवार को यहां बहुउद्देशीय हॉल में पहली समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण जिन 686 लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, उन्हें सात-सात लाख रुपये का मुआवजा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि 686 लोगों में से 403 लाभार्थी अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के हैं। चेयरमैन ने बैठक में मौजूद अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे एससी समुदाय के पिछड़े और गरीब लोगों को सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ दिलाने का प्रयास करें। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा समुदाय के लिए कौशल विकास सहित कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति विकास कार्यक्रम (एससीडीपी) के तहत विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से लाभार्थियों को लाभान्वित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि एससीडीपी के तहत सरकार ने चालू वित्त वर्ष में 46.17 करोड़ रुपये का बजट बनाया था, जिसमें से अब तक 21.93 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा कि अनुसूचित जाति विकास निगम विभिन्न योजनाओं के माध्यम से एससी समुदाय के सदस्यों को लाभ प्रदान कर रहा है।
धीमान ने कहा कि अनुसूचित जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 2022 तक अब तक 96 पीड़ितों को 67.88 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि सभी विभाग यह सुनिश्चित करें कि अनुसूचित जाति बस्तियों में सड़क, बिजली, पानी, शिक्षा, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों। उन्होंने महर्षि वाल्मीकि कामगार योजना शुरू करने के लिए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने कहा, “इस योजना के तहत वाल्मीकि समुदाय के सफाई कर्मचारियों को 3 लाख रुपये दिए जाएंगे। यह योजना उन लोगों के लिए भी लागू है जिनकी वार्षिक आय 2.5 लाख रुपये से कम है और जिनके पास आवास नहीं है।”
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार ने समाज के वंचित वर्गों के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी पहल शुरू की हैं। बैठक की कार्यवाही का संचालन जिला कल्याण अधिकारी गिरधारी लाल शर्मा ने किया।
बैठक में उपायुक्त तोरुल एस रवीश, एसपी कार्तिकेयन गोकुलचंद्रन और सभी विभागों के प्रमुख उपस्थित थे।