कृषि मंत्री चंद्र कुमार ने आज कहा कि चरवाहों को सशक्त बनाने और पशुधन को बढ़ावा देने के लिए एक नई योजना ‘पहल’ शीघ्र ही शुरू की जाएगी।
इस योजना के लिए 294.36 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया गया था, जिससे 40,000 परिवारों को लाभ मिलने की उम्मीद थी। इस योजना के तहत डिजिटल पंजीकरण, पशु चिकित्सा स्वास्थ्य सेवा, विदेशी नस्लों को बढ़ावा, चरवाहों को सब्सिडी और बीमा प्रदान किया जाएगा, और ऊन, दूध और मांस उत्पादन में नए स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया जाएगा।
मंत्री ने पात्र गैर-सरकारी डेयरी सहकारी समितियों को दूध की आपूर्ति करने वाले किसानों के लिए 4 अक्टूबर को एक दुग्ध प्रोत्साहन योजना शुरू करने की भी घोषणा की। इस योजना के तहत डेयरी किसानों को सशक्त बनाने और दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए 3 रुपये प्रति लीटर की सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि विभाग ने पहले चरण में 331 डेयरी सहकारी समितियाँ स्थापित की हैं और दूसरे चरण में और समितियाँ बनाई जाएँगी।
मंत्री ने कहा कि ये समितियाँ उन क्षेत्रों में स्थापित की जाएँ जहाँ दूध उत्पादन अधिक है और पंजीकरण प्रक्रिया 15 अक्टूबर तक पूरी कर ली जाए। उन्होंने आगे कहा कि विभाग राज्य में मुर्गी पालन को बढ़ावा दे रहा है और ब्रॉयलर मुर्गियों के उत्पादन में 52 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। विभाग का उद्देश्य मुर्गी पालन को एक व्यवसायिक मॉडल के रूप में विकसित करना और ग्रामीण युवाओं को रोज़गार के अवसर प्रदान करना है।