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हरदा विस्फोट का पहला वीडियो देखकर परमाणु बम जैसा लगा : मुख्यमंत्री मोहन यादव

Seeing the first video of Harda blast, it felt like a nuclear bomb: Chief Minister Mohan Yadav

भोपाल, 9 फरवरी । मध्य प्रदेश के हरदा जिले में पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट पर विधानसभा में चर्चा हुई। इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि विस्फोट के बाद के पहले वीडियो को देखकर ऐसे लग रहा था जैसे कि कोई परमाणु बम फूट गया हो। शुरुआत में यह आतंकवादी वारदात है या क्या है, कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे।

विधानसभा में विपक्षी दल कांग्रेस ने हरदा पटाखा विस्फोट मामले पर चर्चा करने के लिए स्थगन प्रस्ताव लाया। इस प्रस्ताव को विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने स्वीकार करते हुए चर्चा कराने का फैसला किया।

चर्चा की शुरुआत कांग्रेस की ओर से वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने की। रावत ने कहा कि हरदा का विस्फोट इतना भयावह था कि 12 लोगों की मृत्यु हो गई, 60 घर तबाह हो गए, सड़कों पर लाश बिछी हुई थी, सड़कों पर मानव अंग पड़े थे। यह विस्फोट बताता है कि वहां सिर्फ सुतली बम नहीं हो सकते क्योंकि सुतली बम से इतना बड़ा विस्फोट नहीं हो सकता, वहां सुतली बम से हटकर जिलेटिन बनाने का काम भी किया जा रहा होगा। जिस फैक्ट्री में विस्फोट हुआ, उसमें 500 लोगों के काम करने की क्षमता थी। यह तथ्य बार-बार सामने आया है कि इसमें बाल श्रमिक भी मजदूरी करते थे और कई अन्य मजदूर भी काम करते थे। जिस समय विस्फोट हुआ, उस समय कितने मजदूर वहां काम कर रहे थे, इस बारे में कोई जानकारी नहीं मिल पाई।

कांग्रेस विधायक रावत ने इससे पहले राज्य के अन्य हिस्सों में हुए विस्फोटों का हवाला दिया और प्रशासनिक लापरवाही पर सवाल उठाए। इस घटनाक्रम की न्यायिक जांच की मांग की।

हरदा से कांग्रेस विधायक रामकिशोर दोगने ने आरोप लगाया कि यह फैक्ट्री 15 से 20 साल से चल रही है, इसमें 600 से 700 लोग काम करते हैं। उनका रिकॉर्ड अभी तक नहीं मिला है। कांग्रेस और सत्ता पक्ष की ओर से भी घटनाक्रम को लेकर अपना पक्ष रखा गया।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने घटना की भयावहता का जिक्र करते हुए कहा कि जिस समय कैबिनेट की बैठक चल रही थी, उसी दौरान विस्फोट की जानकारी मिली। हमने बैठक को रोककर एक टीम बनाई और मंत्री उदय प्रताप सिंह को रवाना किया, जिस समय घटना हुई थी, उस समय अंदाजा नहीं लगा सकते थे, लेकिन वीडियो देखने के बाद अंदाजा हो गया था, भीषण घटना है, शब्दों में इस घटना को बताना भी मुश्किल है, कुछ भी हो सकता था। ऐसे लग रहा था, जैसे कोई परमाणु बम फूटा हो। उस भयावहता के आधार पर हमने तुरंत निर्णय लिया और इमरजेंसी बैठक भी बुलाई।

मुख्यमंत्री ने बताया कि घटना की गंभीरता को देखते हुए केंद्रीय गृहमंत्री को भी इसके बारे में बताया और उनसे एनडीआरएफ की टीम भेजने का आग्रह किया। शुरुआत में यह आतंकवादी वारदात है या क्या है, कुछ कहने की स्थिति में नहीं थे। जब इस बात की पुष्टि हो गई केवल पटाखे वाला ही मामला है तो भी हमने पूरी गंभीरता से लिया। 100 से ज्यादा फायर ब्रिगेड और 50 एंबुलेंस मौके पर भेजी गई। इस मामले की दो तरह से जांच कर रहे हैं, निश्चित रूप से सारी कार्रवाई होगी।

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