October 7, 2024
Chandigarh National

चंडीगढ़ जज और पुलिस अधिकारियों पर गंभीर आरोप, हाईकोर्ट ने कहा-सीबीआई जांच जरूरी ताकि सिस्टम पर रहे भरोसा

चंडीगढ़ हाईकोर्ट ने कहा कि तथ्यों से चौंकाने वाली कहानी सामने आई है कि कैसे बेईमान तत्वों द्वारा कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया। हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने का निर्देश देने से पहले कहा कि हम आश्वस्त हैं कि सीबीआई छह महीने के भीतर जांच पूरी कर लेगी।भूमि विवाद मामले में सिविल जज व पुलिस अधिकारियों की संदिग्ध भूमिका के बाद पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने जांच सीबीआई को सौंपने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि इस मामले में सीबीआई जांच जरूरी है ताकि लोगों का सिस्टम में विश्वास बना रहे। इसके साथ ही सिविल जज नवरीत कौर के खिलाफ आरोपों की जानकारी मोहाली
के प्रशासनिक जज (हाईकोर्ट) को भेजने का आदेश दिया है।

विवाद दिल्ली स्थित गुरु नानक विद्या भंडार ट्रस्ट की मोहाली में मौजूद 100 करोड़ कीमत की 8 एकड़ भूमि से जुड़ा है। आरोप के अनुसार भूमि को हड़पने के लिए फर्जी ट्रस्ट बनाकर जाली दस्तावेज तैयार किए गए और सुरक्षा गार्डों से मारपीट कर भूमि पर कब्जे का प्रयास किया गया। आरोपी राजिंदर कुमार एंड संस और अन्य फर्जी ट्रस्ट के नाम से डेराबस्सी की अदालत से अंतरिम आदेश प्राप्त करने में सफल रहे थे। बाद में इसी अदालत ने आदेश यह कहते हुए रद्द कर दिया गया था कि इसे दस्तावेजों को गलत तरीके से पेश कर प्राप्त किया गया था।

फरवरी में मामले में हाईकोर्ट को बताया गया कि इस मामले में ट्रस्ट के बैंक खातों की जानकारी के लिए बैंक अधिकारी को अदालत में बुलाया गया था। जिन बैंक खातों की जानकारी उनसे मांगी गई थी उनका इस भूमि विवाद का कोई लेना-देना नहीं था। हाईकोर्ट ने इस पर सिविल जज से जवाब-तलब किया और जवाब देख कर कहा कि यह टालमटोल वाला है।

हाईकोर्ट ने पंजाब पुलिस के रवैये की आलोचना और कहा कि अगस्त 2023 में पुलिस ने इस मामले में एफआईआर रद्द करने की मांग करते हुए कहा था कि यह मामला मूलत: भूमि विवाद है। 18 अक्टूबर को पुलिस ने अपना रुख बदल दिया और कहा कि तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया था और अन्य आरोपियों की भूमिका की अभी भी जांच चल रही है। कोर्ट ने कहा कि सिस्टम के रखवाले जिनसे कानून का सही दिशा में प्रयोग करने की उम्मीद होती है वो गलत दिशा में जाकर कानून का प्रयोग करने लगे।

हाईकोर्ट ने कहा कि तथ्यों से चौंकाने वाली कहानी सामने आई है कि कैसे बेईमान तत्वों द्वारा कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग किया गया। हाईकोर्ट ने सीबीआई को जांच करने का निर्देश देने से पहले कहा कि हम आश्वस्त हैं कि सीबीआई छह महीने के भीतर जांच पूरी कर लेगी। सिस्टम पर पड़ने वाले प्रदूषक प्रभाव को शुरुआत में ही खत्म करने की जरूरत है और ऐसे लोगों पर जो इसके लिए जिम्मेदार हैं कड़ी निगरानी रखने की जरूरत है। इस मामले की सीबीआई से जांच जरूरी है ताकि लोगों का सिस्टम पर भरोसा कायम रहे।

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