अमृतसर, 2 फरवरी
शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने ‘बंदी सिंह’ (सिख राजनीतिक कैदियों) की रिहाई की मांग को लेकर अपने अभियान के तहत कम से कम 30 लाख हस्ताक्षर प्राप्त करने का लक्ष्य रखा है।
एसजीपीसी के अध्यक्ष हरजिंदर सिंह धामी ने आज यहां स्वर्ण मंदिर परिसर में तेजा सिंह समुंद्री हॉल में एसजीपीसी के सदस्यों, प्रचारकों और धर्म प्रचार के कर्मचारियों के साथ पहली जोनल बैठक की।
आज यहां हुई जोनल मीटिंग में अभियान को गांव स्तर तक पहुंचाने का कार्यक्रम बनाया गया है, जिसके तहत एसजीपीसी की टीमें घर-घर जाकर बंदी सिंह के कारणों से लोगों को अवगत कराएंगी और उनके हस्ताक्षर करवाएंगी। इस उद्देश्य के लिए तैयार किया गया अपेक्षित प्रोफार्मा।
हालांकि, अब तक 13 लाख हस्ताक्षर वाले फॉर्म भरे जा चुके हैं, जिन पर हस्ताक्षर किए गए हैं, फिर भी धामी ने कहा कि लक्ष्य कम से कम 30 लाख लोगों को इससे जोड़ने का है। ये प्रपत्र पंजाब के राज्यपाल के माध्यम से भारत के राष्ट्रपति को प्रस्तुत किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि हाल ही में स्थापित अंतरराष्ट्रीय सिख सलाहकार बोर्ड के प्रतिनिधियों से चर्चा के बाद विदेशों में भी इस अभियान को ऑनलाइन सक्रिय किया जाएगा। “इसके अलावा, हम यूएनओ के समक्ष बंदी सिंह के साथ भेदभाव और मानवता विरोधी व्यवहार के मामले को उठाने के तौर-तरीकों पर भी काम कर रहे हैं। कानूनी सलाहकारों और बुद्धिजीवियों के परामर्श से एक पत्र तैयार किया जा रहा है, जिसे जल्द ही यूएनओ को भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि डेरा सिरसा के पंथ गुरमीत राम रहीम को मिली रियायत और राहत के खिलाफ पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की तैयारी पूरी कर ली गई है.
इस अवसर पर उपस्थित अन्य लोगों में महासचिव गुरचरण सिंह ग्रेवाल, सचिव प्रताप सिंह, अतिरिक्त सचिव कुलविंदर सिंह रामदास, स्वर्ण मंदिर प्रबंधक सतनम सिंह मंगसराय, उप सचिव कुलदीप सिंह रोडे, प्रधान प्रचारक जगदेव सिंह और एसजीपीसी के वरिष्ठ सदस्य शामिल थे।