तख्त श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह से चार्ज वापस ले लिया गया है. यह फैसला शिरोमणि कमेटी की आंतरिक कमेटी की बैठक में लिया गया है. जानकारी मिली है कि जांच पूरी होने तक ज्ञानी हरप्रीत सिंह किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो सकेंगे. दमदमा साहिब के हेड ग्रंथी जगतार सिंह ज्ञानी हरप्रीत सिंह की जगह काम करेंगे। तब तक ज्ञानी हरप्रीत सिंह से चार्ज वापस ले लिया गया है.
बता दें कि ज्ञानी हरप्रीत सिंह के रिश्तेदार ने शिकायत दी थी, जिस पर कार्रवाई की गई है. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी की आंतरिक कमेटी की एक उच्च स्तरीय बैठक आज एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के नेतृत्व में गुरुद्वारा देगसर साहिब कटाना (लुधियाना) में हुई, जिसमें गुरदेव सिंह श्री मुक्तसर द्वारा ज्ञानी हरप्रीत सिंह के खिलाफ आरोप लगाए गए। गुरप्रीत सिंह के बेटे साहिब के आरोपों पर विस्तार से चर्चा हुई.
बैठक में उपस्थित सदस्यों की राय के बाद इस बात पर सहमति बनी कि सिंह साहब के पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए लगाये गये आरोपों की जांच कराना बेहद जरूरी है. बैठक में पारित प्रस्ताव के जरिये जांच के लिए एक उप समिति का गठन किया गया, जिसमें एसजीपीसी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विरक, महासचिव शेर सिंह मांडवाला और आंतरिक सदस्य दलजीत सिंह भिंडर को शामिल किया गया. यह उप समिति पूरी जांच के बाद 15 दिन में अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.
अट्रिंग कमेटी में यह भी निर्णय लिया गया कि जांच रिपोर्ट पर फैसला आने तक तख्त श्री दम्मा साहिब के मुख्य ग्रंथी तख्त साहिब के अधिकार क्षेत्र के तहत सेवाएं देंगे। सभा के दौरान शिरोमणि कमेटी के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी के साथ वरिष्ठ उपाध्यक्ष रघुजीत सिंह विरक, कनिष्ठ उपाध्यक्ष बलदेव सिंह कल्याण, महासचिव शेर सिंह मंडवाला, स्थायी समिति सदस्य बीबी हरजिंदर कौर, सुरजीत सिंह तुगलवाल, परमजीत सिंह खालसा, सुरजीत सिंह मौजूद रहे। गढ़ी, दलजीत सिंह भिंडर, रविंदर सिंह खालसा, जसवन्त सिंह पुरैन,। परमजीत सिंह रायपुर, सचिव एस. प्रताप सिंह, सुखमिंदर सिंह, निजी सचिव शाहबाज सिंह, प्रभारी आजाददीप सिंह आदि मौजूद थे।