पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शाहपुर कंडी बांध का उद्घाटन किया, जिसे केंद्र ने ‘‘राष्ट्रीय महत्व’’ की परियोजना घोषित किया है। रावी नदी पर 3,400 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित यह बांध न केवल बाढ़ को नियंत्रित करेगा, बल्कि 206 मेगावाट बिजली भी पैदा करेगा, तथा पंजाब में 5,000 हेक्टेयर और जम्मू-कश्मीर में 32,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई भी करेगा।
इस प्रकार उत्पादित कुल बिजली में से 20 प्रतिशत दोनों राज्यों द्वारा हस्ताक्षरित समझौते के तहत जम्मू-कश्मीर को दी जाएगी। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारूचक और बरिंदर कुमार गोयल, मुख्य सचिव केएपी सिन्हा और जल संसाधन सचिव कृष्ण कुमार भी उपस्थित थे। बांध का निर्माण फरवरी 2024 में पूरा हो गया, जबकि जलाशय का भरना नवंबर 2024 में शुरू हुआ। अंततः, क्षमता परीक्षण मई 2025 में किया गया।
यह परियोजना रणजीत सागर बांध के नीचे की ओर स्थित है। इंजीनियरों का कहना है कि यह पाकिस्तान की ओर जाने वाले पानी के प्रवाह को प्रभावी ढंग से रोकने की देश की रणनीति का एक प्रमुख हिस्सा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चूँकि इस क्षेत्र में कृषि सुविधाएँ ज़्यादा उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए सरकार बाँध और उसके आसपास के क्षेत्र को पर्यटन केंद्र और एक प्रमुख मत्स्य पालन केंद्र बनाने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा, “पठानकोट हवाई अड्डा इसमें उत्प्रेरक का काम करेगा। यह बाँध दोनों बिजलीघरों को गाद मुक्त पानी उपलब्ध कराएगा। यह पंजाब के लिए भाखड़ा और रणजीत सागर बाँध परियोजनाओं जितना ही महत्वपूर्ण है।”


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