शुक्रवार को पंजाब-हरियाणा सीमा पर शंभू में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा आंसू गैस के गोले दागे जाने से नौ किसान घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है।
‘हार नहीं मानेंगे, आज बैठक होगी’ किसान मजदूर संघर्ष समिति के अध्यक्ष सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि किसान रविवार को सीमा पार करने का एक और प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा, “अगली कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करने के लिए शनिवार को एक बैठक बुलाई गई है। हमने राज्य भर में भाजपा नेताओं के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन शुरू करने का भी फैसला किया है।”
इससे पहले दिन में 101 किसानों के एक जत्थे ने शंभू से एमएसपी और कर्ज माफी के लिए कानूनी गारंटी समेत विभिन्न मांगों को लेकर दिल्ली की ओर मार्च शुरू किया था। जत्थे को घग्गर पुल पर सीमा से 200 मीटर पहले ही रोक दिया गया, जहां हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने बहुस्तरीय बैरिकेड लगा रखे थे।
पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने को कहा, उन्होंने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) की धारा 163 के तहत अंबाला जिला प्रशासन द्वारा लगाए गए निषेधाज्ञा का हवाला दिया, जिसके तहत पांच या उससे अधिक व्यक्तियों के एकत्र होने पर रोक है। हालांकि, बेपरवाह किसान आगे बढ़ते रहे और सुरक्षा की तीन परतों को पार कर गए- बैरिकेड्स, कंटीले तार और पुल पर लगाई गई बाड़। जब वे सीमेंटेड बैरिकेड्स पर पहुंचे, जो हरियाणा में प्रवेश करने से पहले अंतिम बाधा थी, तो सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें तितर-बितर करने के लिए कम से कम 20 आंसू गैस के गोले दागे।
अपनी आंखें और मुंह ढककर कई प्रदर्शनकारी किसान आंसू गैस के गोलों को गीले जूट के थैलों से ढकने के लिए दौड़े, ताकि धुएं से बचा जा सके। उनमें से कई लोग लोहे की कीलें और कंटीले तार उखाड़ते देखे गए।
उनमें से कुछ हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए लोहे के जाल को धकेलते हुए देखे गए। एक प्रदर्शनकारी तो टिन शेड की छत पर भी चढ़ गया, जहां सुरक्षा बल तैनात थे। उसे जबरन नीचे उतरने के लिए मजबूर किया गया।
कथित तौर पर दो गोले किसान नेता सुरजीत सिंह फूल और हरप्रीत सिंह को लगे। दोनों बेहोश हो गए और उन्हें राजपुरा के सिविल अस्पताल ले जाया गया। किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के अध्यक्ष सरवन सिंह पंधेर ने दावा किया कि सात अन्य किसान भी घायल हुए हैं।
अंबाला रेंज के आईजी सिबाश कबीराज, डिप्टी कमिश्नर पार्थ गुप्ता और एसपी सुरिंदर सिंह भोरिया मौके पर मौजूद थे। पुलिस ने कहा, “संयम बरतते हुए किसानों को पीछे रहने और कानून-व्यवस्था बनाए रखने की बार-बार चेतावनी दी गई। उचित कार्रवाई की गई।”
हरियाणा के मंत्री अनिल विज ने कहा, “किसानों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी जा सकती। दिल्ली में कोई भी कार्यक्रम आयोजित करने से पहले उन्हें अनुमति लेनी चाहिए। अगर हम उन्हें अंदर जाने देंगे, तो उन्हें दिल्ली में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा। इसके बाद वे हरियाणा में राजमार्गों की घेराबंदी करेंगे और असुविधा पैदा करेंगे।”
पंधेर ने 101 किसानों को “मरजीवदास” (किसी मकसद के लिए मरने को तैयार लोग) करार दिया और हरियाणा सरकार पर उन्हें पैदल भी मार्च करने की अनुमति नहीं देने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, “यह हमारी नैतिक जीत है।”
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