ढाका, बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की मुसीबतें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। सोमवार को बांग्लादेश की एक अदालत ने सोमवार को हसीना को पुर्बाचल न्यू टाउन प्रोजेक्ट के तहत प्लॉट के बंटवारे में गड़बड़ी के लिए पांच साल जेल की सजा सुनाई।
शेख हसीना की बहन शेख रेहाना को सात साल की सजा सुनाई गई। वहीं हसीना की भतीजी और ब्रिटेन की सांसद ट्यूलिप सिद्दीक को दो साल की सजा सुनाई गई है। ढाका के स्पेशल जज कोर्ट-4 के जस्टिस मोहम्मद रबीउल आलम ने कोर्ट परिसर के बाहर कड़ी सुरक्षा के बीच तीनों आरोपियों की गैरमौजूदगी में ये फैसला सुनाया।
बांग्लादेशी अखबार द डेली स्टार ने बताया कि इसी मामले में 14 दूसरे आरोपियों को पांच-पांच साल की जेल हुई। सजा के अलावा शेख हसीना, रेहाना और ट्यूलिप समेत सभी 17 आरोपियों पर 1 लाख बांग्लादेशी टका का जुर्माना भी लगाया गया है। जुर्माना न देने पर उनकी सजा छह महीने के लिए और बढ़ जाएगी।
बता दें कि बांग्लादेश के एंटी-करप्शन कमीशन (एसीसी) ने 12 से 14 जनवरी के बीच ढाका इंटीग्रेटेड डिस्ट्रिक्ट ऑफिस-1 में प्लॉट बंटवारे में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए छह अलग-अलग केस दर्ज किए थे। इससे पहले ढाका कोर्ट की तरफ से 27 नवंबर को हसीना को भ्रष्टाचार के तीन मामलों में 21 साल की सजा सुनाई थी। एसीसी ने पुर्बाचल प्रोजेक्ट के तहत प्लॉट के अलॉटमेंट में गड़बड़ी को लेकर भ्रष्टाचार के तीन मामले में शिकायत दर्ज की थी।
ढाका कोर्ट के फैसले के बाद, हसीना और उनके परिवार के सदस्यों ने अपने ऊपर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को खारिज कर दिया और इन दावों को “बुरे इरादे से, राजनीति से प्रेरित और निराधार” बताया। हसीना और उनके परिवार के सदस्यों की तरफ से जारी एक बयान को अवामी लीग के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पोस्ट किया गया, जिसमें कहा गया, “हम भ्रष्टाचार के सभी आरोपों को पूरी तरह से नकारते हैं; हमारे खिलाफ लगाए गए हर आरोप में हमारे विरोधियों की राजनीतिक मंशा है। एसीसी एक बिना चुनी हुई सरकार के कंट्रोल में है, जिसके पास एकतरफा और आधे-अधूरे सबूत हैं और जिसने हमें अपना बचाव करने का कोई मौका नहीं दिया।”
पोस्ट में मुहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार की आलोचना करते हुए कहा गया, “ये आरोप साफ तौर पर बुरे इरादे से, राजनीति से प्रेरित और बिना किसी सही आधार के हैं, लेकिन इससे भी ज्यादा निराशाजनक बात यह है कि अंतरिम सरकार उन बेगुनाह परिवार के सदस्यों को फंसाने और शामिल करने की कोशिश कर रही है जो किसी भी तरह से राजनीति में शामिल नहीं हैं।”

