नाहन, 27 जून जारी प्रयासों के बावजूद राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-707 लगातार तीसरे दिन भी यातायात के लिए बंद रहा, जिससे यात्रियों और निवासियों को काफी असुविधा हुई।
सोमवार शाम से बंद पड़े इस राजमार्ग के जल्द खुलने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं, क्योंकि एक निजी निर्माण कंपनी द्वारा किए जा रहे सड़क बहाली कार्य की प्रगति धीमी है। सूत्रों ने बताया कि सड़क को पूरी तरह से चालू होने में कई दिन लग सकते हैं।
आज शिलाई के उप-विभागीय मजिस्ट्रेट (एसडीएम) सुरेन्द्र मोहन ने साइट का निरीक्षण किया और निजी निर्माण कंपनी तथा सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को पुनः खोलने की प्रक्रिया में तेजी लाने के निर्देश दिए गए।
सोमवार शाम को शिलाई शहर के पास उटारी में लोहराहन मोड़ के पास यह व्यवधान हुआ, जहाँ एक बड़े भूस्खलन ने मार्ग को अवरुद्ध कर दिया। निवासियों ने निजी निर्माण कंपनी पर अवैज्ञानिक तरीकों का आरोप लगाया है और मोर्थ अधिकारियों पर सार्वजनिक शिकायतों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है, उनका दावा है कि कंपनी ने अपने स्टोन क्रशर के लिए सामग्री निकालने के लिए पहाड़ी पर अवैज्ञानिक तरीके से गहरी कटाई की। कथित तौर पर इसके कारण पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा ढह गया, जिससे सड़क अवरुद्ध हो गई और ढलान के ऊपर निजी भूमि को नुकसान पहुंचा। बड़े-बड़े पत्थरों से भरा मलबा पूरी तरह से राजमार्ग को ढक चुका है, और कुछ चट्टानें नीचे स्थानीय लोगों की चरागाह भूमि तक भी पहुँच गई हैं।
यहां के निवासियों का आरोप है कि कंपनी सड़क को बहाल करने में लापरवाही बरत रही है और मलबा हटाने के लिए केवल एक मशीन तैनात की है, जबकि कंपनी के स्टोन क्रशर में पत्थरों को प्रोसेस करने के लिए चार भारी ब्रेकर मशीनों का इस्तेमाल किया जा रहा है। निवासियों ने कहा कि अगर सड़क को साफ करने के लिए और अधिक भारी मशीनें लगाई जाएं, तो इसे जल्दी खोला जा सकता है।
सुरेन्द्र मोहन ने बताया कि कंपनी और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अधिकारियों को सड़क को शीघ्र खोलने के सख्त निर्देश दिए गए हैं तथा ग्रामीणों को हुए नुकसान के संबंध में निजी निर्माण कंपनी को नोटिस जारी किए गए हैं।
‘अवैज्ञानिक प्रथाएँ’ निवासियों ने निजी निर्माण कंपनी पर अवैज्ञानिक तरीके अपनाने और मोर्थ अधिकारियों पर जन शिकायतों की अनदेखी करने का आरोप लगाया है। उनका दावा है कि कंपनी ने अपने स्टोन क्रशर के लिए सामग्री निकालने के लिए पहाड़ी पर अवैज्ञानिक तरीके से गहरी कटाई की। कथित तौर पर इसकी वजह से पहाड़ी का एक बड़ा हिस्सा ढह गया, जिससे सड़क अवरुद्ध हो गई और ढलान के ऊपर निजी भूमि को नुकसान पहुंचा।
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