September 24, 2025
National

शिल्पा राव की सीएम हेमंत सोरेन से मुलाकात, बोलीं- जन्मभूमि झारखंड को समर्पित है यह सम्मान

Shilpa Rao met CM Hemant Soren and said, “This honour is dedicated to the birthplace of Jharkhand.”

71वें राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार में सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्वगायिका के सम्मान से नवाजी गईं झारखंड की बेटी और बॉलीवुड गायिका शिल्पा राव ने बुधवार को रांची में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनकी पत्नी कल्पना सोरेन से उनके आवासीय कार्यालय में शिष्टाचार भेंट की। सीएम हेमंत सोरेन ने मुलाकात की फोटो अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर भी शेयर की।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस उपलब्धि के लिए शिल्पा राव को बधाई देते हुए कहा कि उन्होंने झारखंड का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है। आपकी उपलब्धियां झारखंड की युवा पीढ़ी को प्रेरणा देगी।

उन्होंने कहा, ”आपको मिला यह सम्मान केवल व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि पूरे राज्य का भी सम्मान है।”

मुख्यमंत्री ने शिल्पा राव को उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर शिल्पा राव के माता-पिता भी मौजूद रहे। शिल्पा ने मुख्यमंत्री के समक्ष अपने गायन करियर की शुरुआत से लेकर राष्ट्रीय पुरस्कार तक की यात्रा साझा की।

उन्होंने कहा कि यह उपलब्धि उनके लिए गर्व का क्षण है और इसे उन्होंने अपने प्रशंसकों, संगीत जगत और झारखंड की धरती को समर्पित किया है।

शिल्पा राव ने कहा कि उनकी इस उपलब्धि से झारखंड की बेटियों को यह संदेश मिलेगा कि पूरी निष्ठा के साथ मेहनत की जाए तो कला और संगीत की दुनिया में राष्ट्रीय पहचान हासिल करना संभव है।

जमशेदपुर में जन्मीं शिल्पा राव ने ‘जवान’ फिल्म के गीत ‘चलेया’ के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार जीता है। उन्हें मंगलवार को नई दिल्ली में आयोजित राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार वितरण समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के हाथों यह सम्मान मिला। यह पहली बार है जब झारखंड की किसी कलाकार को पार्श्वगायन के क्षेत्र में इतना बड़ा सम्मान प्राप्त हुआ है।

शिल्पा राव, जिनका वास्तविक नाम अपेक्षा राव है, ने संगीत की शुरुआती शिक्षा अपने पिता एस. वेंकट राव से प्राप्त की और बाद में उस्ताद गुलाम मुस्तफा खान से प्रशिक्षण लिया। उन्होंने करियर की शुरुआत विज्ञापन जिंगलों से की थी और 2007 में फिल्म ‘वो अजनबी’ के साथ हिंदी सिनेमा में पदार्पण किया।

इसके बाद ‘खुदा जाने’, ‘मलंग’, ‘मेहरबान’, और ‘घुंघरू’ जैसे लोकप्रिय गीतों ने उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाई। उनकी गायकी की खासियत भावनाओं की गहराई और अनूठी शैली है, जिसने उन्हें समकालीन गायिकाओं में विशिष्ट स्थान दिलाया।

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