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मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ‘भुंडा महायज्ञ’ में शामिल होने को लेकर संशय बरकरार

Shimla: Doubts persist regarding Chief Minister Sukhwinder Singh Sukhu's participation in 'Bhunda Mahayagya'.

हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के ‘भुंडा महायज्ञ’ में शामिल होने को लेकर संशय अभी भी बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली से शिमला के लिए हेलीकॉप्टर उड़ान में धुंध के कारण बाधा उत्पन्न हो रही है। उन्होंने कहा, “अगर दिल्ली से शिमला हेलीकॉप्टर पहुंच पाया तो ही मैं भुंडा महायज्ञ में शामिल हो पाऊंगा।”

यह महायज्ञ 40 साल बाद रोहडू में आयोजित किया जा रहा है, जिसे लेकर क्षेत्र में भारी उत्साह है। मुख्यमंत्री ने महायज्ञ की महत्ता पर जोर दिया और इसे क्षेत्र के सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर के रूप में महत्वपूर्ण बताया।

मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि अब हिमाचल प्रदेश के प्रसिद्ध उत्पाद ‘हिम ईरा’ देशभर में कहीं भी खरीदे जा सकते हैं। इसके अलावा, हिम ईरा के उत्पाद ऑनलाइन भी उपलब्ध होंगे। इससे न केवल स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि हिमाचल के ग्रामीण और छोटे उत्पादकों को एक नया बाजार भी मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के लिए एक नई पहल की शुरुआत की। उन्होंने सात वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया, जिनका उद्देश्य हिम ईरा उत्पादों को घर-घर तक पहुंचाना है। इन वाहनों को चलाकर स्वयं सहायता समूहों की महिलाएं उत्पादों की बिक्री भी करेंगी, इससे उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने इस पहल को ग्रामीण महिलाओं के सशक्तिकरण और हिमाचल के विकास के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण बताया।

मुख्यमंत्री ने मीडिया से बातचीत में कहा कि हमारी सरकार आज से दो साल पहले आई थी और तभी से हम ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं। हमारा उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना है और इसके लिए कई योजनाएं बनाई गई हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हमने “सातो बहन” योजना का शुभारंभ भी किया है, जिसमें सात महिलाएं इसे चला रही हैं। यह एक बड़ी बात है, क्योंकि इन महिलाओं को तीन लाख रुपए का ग्रांट दिया गया है। इसके साथ ही हम इन्हें अन्य वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहे हैं, ताकि वे अपनी आय बढ़ा सकें और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकें। हमारी सरकार लगातार नई योजनाएं और पहल कर रही है, ताकि महिलाएं, किसान, मजदूर और युवा सभी को आर्थिक मदद मिल सके।

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