N1Live Himachal शिमला पुलिस ने तस्कर को पकड़ा, बद्दी पुलिस ने नींद में तस्कर को पकड़ा
Himachal

शिमला पुलिस ने तस्कर को पकड़ा, बद्दी पुलिस ने नींद में तस्कर को पकड़ा

Shimla Police caught the smuggler, Baddi Police caught the smuggler in his sleep.

बद्दी पुलिस की नींद उड़ी हुई है, शिमला जिले की रामपुर पुलिस ने पिछले सप्ताह बद्दी से एक अंतरराज्यीय हेरोइन तस्कर गिरोह के सरगना को गिरफ्तार किया। आरोपी की पहचान दलीप कुमार (37) उर्फ ​​राधे के रूप में हुई है, जो बद्दी में विभिन्न औद्योगिक घरानों में कार्यरत सुरक्षा एजेंसियों को लोगों की आपूर्ति करता था।

अवैध व्यापार के मूल का पता लगाना रामपुर पुलिस अब इस मामले में वित्तीय जांच कर रही है ताकि अवैध व्यापार के नेटवर्क और उत्पत्ति का पता लगाया जा सके, जो बद्दी के साथ-साथ शिमला जैसे आसपास के जिलों में भी सक्रिय था

उसकी माँ भी कथित तौर पर अंतर-राज्यीय नेटवर्क के माध्यम से संचालित ड्रग-तस्करी रैकेट में हाथ बँटाती पाई गई है। उसे बद्दी के वार्ड नंबर 8 में उसके घर से गिरफ्तार किया गया और वह शिमला जिले के कुमारसैन के महोली गाँव का रहने वाला है।

रामपुर पुलिस अब इस मामले में वित्तीय जांच कर रही है ताकि अवैध व्यापार के नेटवर्क और उत्पत्ति का पता लगाया जा सके, जो बद्दी के साथ-साथ शिमला जैसे आसपास के जिलों में भी सक्रिय था।

इस खुलासे ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ (बीबीएन) औद्योगिक क्षेत्र में खतरे की घंटी बजा दी है, जहां कई सुरक्षा एजेंसियां ​​काम करती हैं। चोरी जैसी आपराधिक गतिविधियों में एजेंसियों के शामिल होने के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

यह पहला ऐसा मामला है, जिसमें सुरक्षा जासूस प्रदाता को ड्रग तस्करी गिरोह चलाते हुए पाया गया है। चूंकि सुरक्षा एजेंसियां ​​विभिन्न औद्योगिक घरानों में काम करती हैं, इसलिए वे अपने अधीन लोगों की अधिकता के कारण बड़े पैमाने पर काम कर सकती हैं। अवैध व्यापार में अच्छा मुनाफा मिलने के कारण युवा इस व्यापार के साथ-साथ हेरोइन की खपत के भी शिकार हो रहे हैं।

पुलिस का ऐसी एजेंसियों पर कोई नियंत्रण नहीं है क्योंकि वे न तो पुलिस से अपने कर्मचारियों की साख सत्यापित करती हैं और न ही पंजीकरण की मांग करती हैं। हालांकि कुछ साल पहले इन एजेंसियों को पंजीकृत करने और अगर वे अपने कर्मचारियों के पिछले रिकॉर्ड की पुष्टि नहीं करती हैं तो उनका पंजीकरण रद्द करने की पहल की गई थी, लेकिन यह सफल नहीं हो पाई।

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक बद्दी अशोक वर्मा ने कहा कि इस औद्योगिक क्षेत्र में सुरक्षा एजेंसियों के पंजीकरण की आवश्यकता महसूस की जा रही है। एजेंसियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी अप्रिय कारण से नौकरी से निकाले गए लोगों की जानकारी पुलिस और उद्योग संघों को दी जाए, ताकि उन्हें अन्य एजेंसियों द्वारा काम पर न रखा जाए। इससे आपराधिक गतिविधियों पर अंकुश लगाने में मदद मिल सकती है।

बद्दी पुलिस द्वारा ड्रग तस्करों के आगे-पीछे के संबंधों का पता लगाने में ढिलाई बरतने के कारण बद्दी से ड्रग किंगपिन की गिरफ्तारी ने उनकी छवि को धूमिल कर दिया है। बद्दी पुलिस की भूमिका पहले से ही दो मामलों में राज्य उच्च न्यायालय के जांच के दायरे में थी, जिसमें चार पुलिसकर्मियों को गिरफ्तार किया गया था और एक डीएसपी सहित दो अन्य गिरफ्तारी से बच रहे थे।

जबकि पड़ोसी सोलन पुलिस ने पिछले एक वर्ष में 96 प्रमुख अंतर-राज्यीय आपूर्तिकर्ताओं सहित 107 से अधिक नशा तस्करों को गिरफ्तार किया है, वहीं बद्दी पुलिस ने अभी तक नशा व्यापारियों को पकड़ने के लिए बड़े पैमाने पर कार्रवाई नहीं की है।

Exit mobile version