मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज कहा कि शिमला के कार्ट रोड पर स्थित मेट्रोपोल भवन, जिसमें कई विधायक और सरकारी कर्मचारी रह रहे थे, को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है और उस स्थान पर एक नया भवन बनाने का प्रस्ताव है। सुल्लाह विधायक विपिन परमार के सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा, “सर्कुलर रोड पर भीड़भाड़ कम करने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहां रहने वाले कर्मचारियों को आवास आवंटन में प्राथमिकता दी जाएगी और निजी आवास किराए पर लेने के लिए 15,000 रुपये मासिक किराया दिया जाएगा।”
मनाली विधायक भुवनेश्वर गौड़ के सवाल पर सुखू ने कहा कि सरकार होटलों के लिए अग्नि सुरक्षा मानदंडों में छूट देगी। उन्होंने कहा, “हम मानदंडों में बदलाव करेंगे और उन्हें सरल बनाएंगे ताकि होटल मालिकों को कुछ राहत मिल सके। हेरिटेज और पुरानी इमारतों में अग्नि सुरक्षा के लिए प्रावधान करना मुश्किल है।”
पच्छाद विधायक रीना कश्यप के प्रश्न पर शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थियों के नामांकन में गिरावट को देखते हुए शिक्षण संस्थानों का एकीकरण समय की मांग है।
रोहित ने कहा कि नए खुले कॉलेजों में नामांकन कम और घट रहा है, जो चिंता का विषय है। उन्होंने कहा, “हम नकारात्मक जनसंख्या वृद्धि की ओर बढ़ रहे हैं। 2004 में नर्सरी कक्षा में 1.25 लाख छात्र थे और अब यह घटकर 94,000 रह गए हैं। सिरमौर के पझौता गांव में सरकारी डिग्री कॉलेज में 2023-24 में नामांकन 110 था और 2024-25 में यह घटकर 87 रह गया।”
चंबा के विधायक नीरज नैयर ने उचित कचरा निपटान का मुद्दा उठाया, क्योंकि उनके शहर का सारा कचरा रावी या नालों में फेंका जा रहा है। शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि मनाली, शिमला और चंबा तथा कुछ अन्य शहरों में भी ऐसी ही समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि कचरे का उचित पृथक्करण और वैज्ञानिक निपटान हो, क्योंकि कई शहरों में इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है। धन की कोई कमी नहीं है और मैं विधायकों से आग्रह करता हूं कि वे आम सहमति बनाने और स्थानीय लोगों द्वारा टकराव और विरोध को समाप्त करने के लिए अपने अच्छे पदों का उपयोग करें।”
मंडी में उहल-III जलविद्युत परियोजना से बिजली उत्पादन शुरू मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने शुक्रवार को विधानसभा में कहा कि मंडी जिले में 100 मेगावाट की उहल (चरण-III) जलविद्युत परियोजना से 26 मार्च को विद्युत उत्पादन शुरू हो गया है। उन्होंने कहा, “इस परियोजना से 392 मिलियन यूनिट बिजली पैदा होगी, जिससे राज्य सरकार को सालाना 200 करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा।”
उन्होंने कहा कि पिछले 45 दिनों में 10 करोड़ रुपये मूल्य की दो करोड़ यूनिट बिजली पैदा की गई है। सुक्खू ने कहा कि उनकी सरकार ने परियोजना पर काम तेज कर दिया है और उदार वित्तपोषण उपलब्ध कराया है। पिछले साल दिसंबर में इस परियोजना का निर्माण पूरा हो गया था। इसके बाद 11 किलोमीटर लंबे वाटर कंडक्टर सिस्टम को भरने की प्रक्रिया शुरू की गई। बाद में मशीनों को वाटर ग्रिड से जोड़ दिया गया इस परियोजना पर काम 2003 में शुरू हुआ था और 22 साल बाद इसमें बिजली उत्पादन शुरू हुआ
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