शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) ने भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से उपचुनाव परिणाम की घोषणा के तुरंत बाद तरनतारन में दर्ज सभी एफआईआर की स्वतंत्र जांच का आदेश देने का आग्रह किया है।
शिअद के वरिष्ठ उपाध्यक्ष और पूर्व मंत्री दलजीत सिंह चीमा ने कहा कि इस “प्रतिशोध की राजनीति” का उद्देश्य उन नेताओं को दंडित करना है जिन्होंने राज्य सरकार के दबाव के आगे झुकने से इनकार कर दिया। शिअद द्वारा लिखित शिकायत के बावजूद, उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई जिन्होंने हमारी उम्मीदवार की बेटी कंचन प्रीत कौर का फर्जी नंबर प्लेट वाली गाड़ी में “संदिग्ध रूप से पीछा” किया था। इसके बजाय, नतीजों के बाद, इस घटना का पर्दाफाश करने वालों को झूठे मामलों में फंसाकर गिरफ्तार कर लिया गया।
चीमा ने कहा कि शिअद भारत निर्वाचन आयोग से अपील करता है कि वह पूरे मामले की जांच एक स्वतंत्र चुनाव पर्यवेक्षक से करवाए।
चीमा ने आगे कहा, “अगर राज्य सरकार और दोषी अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं की गई, तो चुनाव आयोग में जनता का विश्वास बुरी तरह से कम हो जाएगा, जिससे भविष्य के चुनावों के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम होगी। इस तरह की अभूतपूर्व और गैरकानूनी कार्रवाइयों को अंजाम देकर, सरकार जनता को डराना चाहती है और यह संकेत देना चाहती है कि चुनावों के साथ ही चुनाव आयोग का अधिकार समाप्त हो जाता है।”


Leave feedback about this