April 16, 2025
Uttar Pradesh

शिव नगरी काशी का ‘राम रमापति बैंक’, जहां जमा है अरबों का धन, ऐसे लेते हैं लोन

Shiv Nagari Kashi’s ‘Ram Ramapati Bank’, where billions of rupees are deposited, this is how you take loans

वाराणसी, 8 अप्रैल । शिव नगरी काशी का राम रमापति बैंक बताता है कि राम नाम से बड़ा धन कुछ नहीं है, तभी तो यहां पर लोन लेने के लिए अनगिनत लोग आते हैं और कहते हैं ‘पायो जी मैंने राम रतन धन पायो…’ 6 अप्रैल को रामनवमी है। इस अवसर पर आइए जानते हैं विश्वनाथ मंदिर के ठीक पीछे स्थित रामलला के राम बैंक से श्रद्धालु कैसे लोन लेते हैं, इसके क्या-क्या नियम हैं?

मोक्षनगरी स्थित राम बैंक में लाल रंग की पोटलियों में राम नाम भर-भरकर रखा है, जिसका पैसों से कोई लेना-देना नहीं है, यहां चलता है तो बस राम का नाम। जमा होता है पुण्य और लोन के रूप में मिलता है राम का नाम। हालांकि, लोन लेने और उसे चुकाने के भी सख्त नियम हैं।

इनकी संख्या अरबों से ऊपर हो गई है। इस बैंक में बाकायदा कर्मचारी भी नियुक्त हैं, जो प्रक्रियाओं को पूरा करते हैं। लोन लेने के लिए फॉर्म भरा जाता है, जिसमें पूरे नियम लिखे गए हैं।

राम रमापति बैंक के मैनेजर सुमित मेहरोत्रा ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए राम बैंक की स्थापना से जुड़े किस्से को बयां किया। उन्होंने बताया, “राम बैंक की स्थापना हमारे परदादा छन्नू लाल जी ने की थी। वह साधू-संतों के साथ रहते थे और पूजा-पाठ में लगे रहते थे। उनकी मुलाकात हिमालय के एक बाबा से हुई थी और उन्होंने उनसे कहा था कि तुम्हारे हाथों जगत का कल्याण लिखा है। इसे प्रचार की जरूरत नहीं है। भक्त ही इसका प्रचार करेंगे। इस बैंक की स्थापना 90 साल से भी पहले हुई थी।”

उन्होंने बताया कि राम रमापति बैंक में लोन कैसे मिलता है और इसके कायदे-कानून क्या हैं, इस पर भी रोशनी डाली। उन्होंने बताया, “राम रमापति बैंक से आप राम के नाम का कर्ज लेते हैं तो कुछ नियमों का सख्ती के साथ पालन करना पड़ता है। यह लोन वास्तव में धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष चारों को साधने के लिए लिया जाता है। आपको एक बार में सवा लाख राम नाम का कर्ज दिया जाएगा, जब आपने अपने आप को रामलला के शरणागत मान लिया है और रामलला के आगे आकर आपने अपनी विशेष मनोकामना की पूर्ति के लिए राम नाम का अनुष्ठान लिया है और यहां के बताए हुए नियमों को मंजूरी दी कि मैं इतने नियमों का पालन करूंगा।”

नियम क्या है? इस पर उन्होंने बताया, लोन लेने से प्रतिदिन सुबह स्वच्छ होकर कम से कम पांच सौ राम नाम लिखना होगा। इसके साथ ही खान-पान के नियम का भी पालन करना होगा। आपको शुद्ध शाकाहारी भोजन करना होगा, जिसमें प्याज, लहसुन भी ना हो और मांस, मछली, मदिरा, अंडे वगैरह कुछ भी ना हो। उन्होंने आगे बताया, “यदि आप इन नियमों से सहमति जताते हैं तो आपसे एक प्रार्थना पत्र भरवाया जाता है, जिसमें आपका नाम, पता, उम्र, समेत अन्य विवरण होते हैं। साथ ही एक कॉलम मनोरथ की भी होती है, जिसमें आपको बताना होता है कि आप किस मनोरथ के लिए लोन ले रहे हैं।”

सुमित मेहरोत्रा ने बताया, “राम नाम लिखने के लिए बैंक की ओर से कागज, कलम, स्याही फ्री में मिलती है। राम बैंक में लोन लेने के लिए केवल बनारस, देश से ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां आते हैं। श्रद्धा, भक्ति, विश्वास के साथ भगवान से अपनी प्रार्थना करते हैं और वह पूर्ण भी होती है। रामनवमी के अवसर पर राम लला के दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं और फेरी लेते हैं, पूजा करते हैं। रामलला को मक्खन-मिश्री भोग लगाई जाती है और खिलौना भी चढ़ाया जाता है।”

रामलला के दर्शन के लिए श्रद्धालु रीता त्रिपाठी हमेशा पहुंचती रहती हैं। उन्होंने बताया, “मेरा पूरा बचपन भगवान के प्रांगण में ही गुजरा है। दरअसल, मेरे पिता जी दामोदर दास ओझा राम रमापति बैंक में मैनेजर और पुजारी थे और वह कार्यभार संभालते थे। भगवान के दर्शन करने और सच्चे मन से मनोकामना मांगने से वह जरूर पूरा होता है।

राम रमापति बैंक कैसे पहुंचे? राम बैंक विश्वनाथ मंदिर के ठीक पीछे त्रिपुरा भैरवी गली में स्थित है। यहां कैंट रेलवे स्टेशन से सीधे जाया जा सकता है। गोदौलिया से राम बैंक लगभग 300 मीटर दूर है।

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