नंदुरबार (महाराष्ट्र), 13 मार्च । कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान 14 मार्च को नासिक के प्रसिद्ध त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर में पूजा-अर्चना करने वाले हैं। यह मंदिर 268 साल पुराना है।
भारत जोड़ो न्याय यात्रा ने मंगलवार को महाराष्ट्र में प्रवेश किया, जिसका स्थानीय लोगों ने जोरदार स्वागत किया। राज्य कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, ”हम सभी जानते हैं कि राहुल गांधी कट्टर शिवभक्त हैं। वह त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर जाएंगे और गुरुवार (14 मार्च) को वहां पूजा-अर्चना करेंगे।”
नासिक में तीन पहाड़ियों, ब्रह्मगिरि, नीलगिरि और कालागिरि के आधार पर हरी-भरी हरियाली के बीच स्थित, त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर देशभर में स्थित 12 ज्योतिर्लिंग मंदिरों में से एक है।
वहीं, एआईसीसी महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि इससे पहले राहुल गांधी ने तीन अन्य ज्योतिर्लिंगों- देवघर (झारखंड) में बाबा बैद्यनाथ धाम, वाराणसी (उत्तर प्रदेश) में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर और उज्जैन (मध्य प्रदेश) में महाकालेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की थी।
त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर गोदावरी के स्रोत पर स्थित है। यह नदी गंगा के बाद भारत की दूसरी सबसे लंबी नदी है। यह महाराष्ट्र से बहती है और बंगाल की खाड़ी में जाकर गिरती है। त्र्यंबकेश्वर शिव मंदिर की खास बात यह है कि यह ज्योतिर्लिंग तीनमुखी है, जो भगवान ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक है।
इस मंदिर का निर्माण पेशवा बालाजी बाजीराव-तृतीय ने एक पुराने मंदिर के स्थान पर कराया था। इसका उद्घाटन फरवरी 1756 में महाशिवरात्रि के दिन किया गया था। मंदिर की वेबसाइट के अनुसार, इसकी चारों दिशाओं में द्वार हैं। पूर्व ‘शुरुआत’ को दर्शाता है, पश्चिम ‘परिपक्वता’ का प्रतीक है, उत्तर ‘रहस्योद्घाटन’ का प्रतिनिधित्व करता है और दक्षिण ‘पूर्णता’ का प्रतीक है।
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