झज्जर, 12 फरवरी टिकरी-बहादुरगढ़ सीमा पर काम करने वाले दुकानदार और मजदूर चिंतित हैं कि अगर दिल्ली पुलिस उन्हें राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देती है तो 13 फरवरी को प्रदर्शनकारी किसानों ने इसे अवरुद्ध कर दिया तो उन्हें वित्तीय नुकसान होगा और नौकरियां जाएंगी। वे दोबारा ऐसे कठिन समय से नहीं गुजरना चाहते, जिसका सामना उन्हें 2021 के किसान आंदोलन के दौरान टिकरी बॉर्डर सील होने के बाद अपनी आजीविका खोकर करना पड़ा था।
पेट्रोल पंप कर्मचारी महेश ने कहा, “2021 में किसानों के आंदोलन ने मुझे अपने पैतृक गांव प्रयागराज (यूपी) लौटने के लिए मजबूर कर दिया, जब टिकरी सीमा पर नाकेबंदी के बाद टिकरी सीमा पर सभी पेट्रोल पंप बंद कर दिए गए थे।”