चंडीगढ़ से मोहाली स्थित शहीद भगत सिंह अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे के लिए छोटे मार्ग का निर्माण रोक दिया गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने अभी तक परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण पर अपनी सहमति नहीं दी है।
संघ शासित प्रदेश प्रशासन ने पिछले वर्ष हवाई अड्डे तक छोटे मार्ग के निर्माण को मंजूरी दी थी, जिसके लिए चंडीगढ़ में 39.6 एकड़ तथा पंजाब के जगतपुरा और खंडाला गांवों में 12 एकड़ सहित कुल 51 एकड़ भूमि अधिग्रहित की जानी थी।
एक अधिकारी ने बताया कि जमीन का अधिग्रहण पंजाब सरकार और यूटी प्रशासन दोनों को करना था। अधिकारी ने बताया कि चूंकि पंजाब ने अभी तक जमीन अधिग्रहण पर सहमति नहीं जताई है, इसलिए परियोजना को रोकना पड़ा। उन्होंने यह भी कहा कि वे पंजाब में जमीन अधिग्रहण के लिए अंतहीन इंतजार नहीं कर सकते।
हाल ही में पंजाब सरकार ने पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय को सूचित किया था कि वे 125 करोड़ रुपये की लागत से हवाई अड्डे तक एक छोटा मार्ग बना रहे हैं, जिससे दूरी 5 किलोमीटर कम हो जाएगी।
पिछले साल नवंबर में तत्कालीन यूटी प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने 2018 की वार्ता नीति के तहत भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को पूरा करने की मंजूरी दी थी। इसके बाद यूटी ने एक अधिसूचना जारी कर भूमि मालिकों को 2.54 करोड़ रुपये से लेकर 3.34 करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा देने की पेशकश की। हालांकि, उन्होंने नीति का विरोध किया। चूंकि 110 में से 80 भूमि मालिकों ने 2018 की नीति के तहत अपनी जमीन देने से इनकार कर दिया, इसलिए यूटी ने अधिग्रहण के लिए भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास और पुनर्स्थापन अधिनियम, 2013 में उचित मुआवजा और पारदर्शिता के अधिकार पर स्विच करने का फैसला किया।