January 19, 2025
National

पीएम ई-विद्या के अंतर्गत सांकेतिक भाषा का डीटीएच चैनल

Sign language DTH channel under PM e-Vidya

नई दिल्ली, 5 दिसंबर। पीएम ई-विद्या योजना के अंतर्गत देश में एक और नया डीटीएच चैनल प्रारंभ होने जा रहा है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक यह चैनल भारतीय सांकेतिक भाषा के लिए डिजाइन किया गया है। इसका सीधा लाभ श्रवण-बाधित छात्रों को मिलेगा।

केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान 6 दिसंबर को नई दिल्ली में भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) के लिए पीएम ई-विद्या का डीटीएच चैनल नंबर-31 शुरू करेंगे।

शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक देश में होने जा रही यह नई व महत्वपूर्ण पहल राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के उद्देश्यों का समर्थन करती है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति में अधिक समावेशी शैक्षिक वातावरण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने की सिफारिश की गई है।

एनईपी के पैरा 4.22 में कहा गया है कि भारतीय सांकेतिक भाषा (आईएसएल) को पूरे देश में मानकीकृत किया जाएगा। इसके साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति में यह भी कहा गया है कि श्रवण-बाधित छात्रों के लिए राष्ट्रीय एवं विभिन्न राज्यों के पाठ्यक्रमों की विषय-सामग्री तैयार की जाएगी। स्थानीय सांकेतिक भाषाओं का सम्मान किया जाएगा और जहां संभव और प्रासंगिक होगा, वहां पढ़ाया भी जाएगा।

भारतीय सांकेतिक भाषा को बढ़ावा देने के लिए समर्पित एक विशेष पीएम ई-विद्या चैनल की परिकल्पना आईएसएल को एक भाषा के साथ-साथ एक स्कूली विषय के रूप में बढ़ावा देने के लिए की गई है। इसका सीधा-सीधा लाभ यह होगा कि एक बड़ी आबादी को भाषा सीखने की सुविधा मिल सकेगी। यह चैनल स्कूली बच्चों, शिक्षकों, शिक्षक प्रशिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए करियर संबंधी मार्गदर्शन भी करेगा।

इसके अलावा यह चैनल कौशल प्रशिक्षण, मानसिक स्वास्थ्य, कक्षा-वार पाठ्यक्रम सामग्री, संवाद कौशल के क्षेत्र में शिक्षण सामग्री का प्रसार करेगा। इससे हिंदी, अंग्रेजी आदि जैसी मौखिक भाषाओं की तरह सांकेतिक भाषा को एक विषय के रूप में बढ़ावा मिलेगा।

केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) तथा शिक्षा राज्य मंत्री जयंत चौधरी भी इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। कार्यक्रम में श्रवण-बाधित (एचआई) बच्चे, उपलब्धियां प्राप्त करने वाले श्रवण-बाधित व्यक्ति, विशेष शिक्षक, आईएसएल प्रमाणित दुभाषिए और श्रवण-बाधित समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए काम करने वाले संगठन भाग लेंगे।

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