गुरु-आदब मोर्चा और लोक-राज पंजाब के कार्यकर्ताओं ने करतारपुर कॉरिडोर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और मांग की कि गुरु नानक देव के गुरुपर्व से पहले ननकाना साहिब जाने पर प्रतिबंध हटा दिया जाना चाहिए।
कार्यकर्ताओं ने मांग की कि आगामी गुरुपर्व से पहले करतारपुर कॉरिडोर पूरी तरह से खोल दिया जाए। उन्होंने बांधों का नियंत्रण पंजाब को सौंपने और इस बात की निष्पक्ष जांच कराने की भी मांग की कि सरकार बाढ़ को रोकने में कैसे और क्यों विफल रही।
गुरु-आदब मोर्चा के संयोजक डॉ. मनजीत सिंह रंधावा ने बताया कि बाढ़ प्रभावित परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधारने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि सामुदायिक सहयोग से बड़े पैमाने पर फलों की खेती, मोती की खेती, हर्बल फार्म, सहकारी विपणन और कृषि आधारित उद्योग जैसी परियोजनाएँ जल्द ही शुरू की जाएँगी।
उन्होंने बताया कि विभिन्न कार सेवा समूह इस मिशन में सहयोग देने के लिए सहमत हुए हैं, जिनमें वे समूह भी शामिल हैं जो पहले से ही नदी के तटबंधों की मरम्मत और बाढ़ प्रभावित घरों के पुनर्निर्माण पर काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “वाहेगुरु (परमेश्वर) के आशीर्वाद और संगत के सामूहिक योगदान से, घरों का पुनर्निर्माण, आजीविका बहाल करना और बाढ़-रोधी मज़बूत ढाँचे बनाना संभव है।”
डॉ. रंधावा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि दुनिया भर के सिखों को एकजुट होकर स्थानीय उत्पादों का उपयोग और समर्थन करके आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना चाहिए और योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि सच्ची सेवा की भावना सिख मूल्यों के मार्गदर्शन में निस्वार्थ भाव से काम करने में निहित है।
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