November 28, 2024
World

सिख युवा ने अपनी आस्‍था को बरकरार रखते हुए ‘यूएस मरीन बूट कैंप’ से किया स्नातक

न्यूयॉर्क, अमेरिका में सेना भर्ती प्रशिक्षण लेने वाले एक सिख ने अपनी पगड़ी, दाढ़ी और बिना कटे बालों के साथ अमेरिकी मरीन कॉर्प्स भर्ती प्रशिक्षण से स्नातक की उपाधि प्राप्त की। इस सिख युवा ने अपनी आस्था को बनाए रखने के लिए दो साल की लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी।

जसकीरत सिंह को मई में बूट कैंप में भेज दिया गया था, उन्‍होंने मरीन कॉर्प्स रिक्रूट डिपो सैन डिएगो में तीन महीने के कठिन प्रशिक्षण के बाद 11 अगस्त को स्नातक की उपाधि प्राप्त की।

सिख गठबंधन की एक विज्ञप्ति में जसकीरत के हवाले से कहा गया, “मैं मरीन कॉर्प्स में अपने देश की सेवा करने के लिए सम्मानित महसूस कर रहा हूं और मुझे गर्व है कि मैं अपने सिख धर्म का सम्मान करते हुए ऐसा करने में सक्षम हूं।”

उन्होंने कहा, “मुझे उम्मीद है कि मेरी स्नातक स्तर की पढ़ाई अन्य युवा सिखों को एक स्पष्ट संदेश देगी। जो युवा सैन्य सेवा में आने के लिए विचार कर रहे हैं उनकी आस्‍था उनके करियर में बाधा नहीं बननी चाहिए।”

मरीन कॉर्प्स ट्रेनिंग एंड एजुकेशन कमांड के प्रवक्ता मेजर जोशुआ पेना ने मिलिट्री डॉट कॉम को बताया, “वह पूरे प्रशिक्षण के दौरान एक स्क्वाड लीडर थे।”

मेजर पेना ने कहा, “वह सभी मानकों पर खरा उतरे। वह एक नौसैनिक हैं। हम यह देखने के लिए वास्तव में उत्साहित हैं कि वह अपने करियर में क्या करते हैं।”

जसकीरत ने आकाश सिंह और मिलाप सिंह चहल के साथ पिछले साल अप्रैल में बूट कैंप नियमों से छूट पाने के लिए डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया की संघीय अदालत में अपील की थी।

उन्होंने तर्क दिया कि सिखों को दाढ़ी रखने की अनुमति देने से सेना की एकरूपता बाधित होगी जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होगा।

पिछले दिसंबर में एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए डिस्ट्रिक्ट ऑफ कोलंबिया सर्किट कोर्ट ने जसकीरत को अपनी पगड़ी, दाढ़ी और बिना कटे बालों के साथ भर्ती प्रशिक्षण में भाग लेने की अनुमति देने के लिए आदेश दिया।

अदालत ने कहा कि वर्तमान कोर के बूट कैंप में बाल काटने और दाढ़ी काटने का नियम धार्मिक स्वतंत्रता बहाली अधिनियम (आरएफआरए) का उल्लंघन है।

विंस्टन एंड स्ट्रॉन एलएलपी के अमनदीप एस. सिद्धू ने कहा, “जसकीरत यह साबित करने वाले सिखों की लंबी कतार में जुड़़ गए हैं जिसमें बताया गया है कि पगड़ी और दाढ़ी सैन्य सेवा में कोई बाधा नहीं हैं। अब एक परिवर्तन के साथ मरीन कॉर्प्स यह सुनिश्चित कर सकती है कि वह सभी धार्मिक पृष्ठभूमियों से रंगरूटों का स्वागत करना जारी रखेगी।”

सिख गठबंधन के उप कानूनी निदेशक गिजेल क्लैपर ने कहा, “उनकी उपलब्धि इस चीज का प्रमाण है कि किसी को भी अपनेे करियर और धार्मिक मान्यताओं के बीच चयन नहीं करना चाहिए।”

जसकीरत के मामले का प्रतिनिधित्व सिख गठबंधन, विंस्टन एंड स्ट्रॉन, बेकेट फंड फॉर रिलीजियस लिबर्टी और बेकरहोस्टेटलर ने किया था।

अमेरिकी सेना की अन्य शाखाएं, थल सेना, नौसेना, वायु सेना और तटरक्षक पहले से ही सिख धर्म की धार्मिक आवश्यकताओं को मनाते हुए भर्ती करती आई है।

Leave feedback about this

  • Service