November 18, 2025
Entertainment

वृंदावन में संतों का आशीर्वाद लेने पहुंचीं सिंगर स्वाति मिश्रा, बाबा बागेश्वर की सनातन पदयात्रा में हुईं शामिल

Singer Swati Mishra reached Vrindavan to seek blessings of saints and participated in Baba Bageshwar’s Sanatan Padyatra.

‘राम आएंगे तो अंगना’ गीत से घर-घर फेमस हुईं सिंगर स्वाति मिश्रा शनिवार को वृंदावन में बाबा बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन पदयात्रा में शामिल हुईं। सिंगर ने यात्रा का वीडियो अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया है।

सिंगर स्वाति मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है जिसमें वो कान्हा की नगरी वृंदावन में दिख रही हैं। सिंगर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की सनातन पदयात्रा का हिस्सा बनीं और स्टेज पर साधु संतों से मुलाकात की। वीडियो में स्वाति हार्ट प्रिंटेड साड़ी में दिख रही हैं और बहुत प्यारी लग रही हैं। उन्होंने वीडियो पोस्ट कर कैप्शन में लिखा, “मिलते हैं आज शाम वृंदावन में।” इससे पहले भी स्वाति ने एक वीडियो वीडियो पोस्ट किया, जिसमें वे ये बता रही थीं कि वृंदावन आकर कितनी थक गई हैं।

वीडियो में स्वाति कहती है, “मेरे पैरों में बहुत दर्द है और आंखें भी सूजी हैं। हम यहां संतों में शादी के कार्ड वितरण करने आए थे, लेकिन मैं बुरी तरीके से थक गई हूं, लेकिन इस थकावट के बीच भी ऐसा लग रहा है कि मैं कितनी भाग्यशाली हूं कि मुझे ऐसे महान संतों से मिलने का मौका मिल रहा है।”

आज बाबा बागेश्वर की सतानत धर्म पदयात्रा वृंदावन में है। बीते शुक्रवार को एक्ट्रेस शिल्पा शेट्टी और अभिनेता राजपाल यादव को भी देखा गया था, जो खास तौर पर पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात करने पहुंचे थे। उन्होंने मंच से कहा कि वे हिंदू हैं और सनातन धर्म को गर्व से आगे बढ़ाएंगी। उन्होंने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामाजिक कार्यों की तारीफ कर कहा कि वे समाज के गरीब वर्ग के लिए बहुत काम कर रहे हैं। वे अन्नपूर्णा योजना, सामूहिक शादियां और वृद्धाश्रम में बुजुर्ग लोगों की देखभाल करते हैं। अब वे कैंसर अस्पताल खोलने वाले हैं।

पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री की हिंदू सनातन धर्म की पदयात्रा 7 नवंबर को छत्तरपुर के कात्यायनी मंदिर से शुरू हुई थी और शनिवार को यात्रा का नौवां दिन है, जब वे वृंदावन में हैं। इस यात्रा का उद्देश्य हिन्दुओं में एकता की भावना पैदा करना और हिंदू धर्म का प्रचार करना है। ये यात्रा दिल्ली और हरियाणा से होकर उत्तर प्रदेश पहुंची है और यही यात्रा का आखिरी पड़ाव है।

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