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एसआईआर विवाद: संसद के बाहर विपक्ष ने किया जोरदार विरोध, भाजपा का पलटवार

SIR controversy: Opposition protested strongly outside Parliament, BJP retaliated

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) पर संसद में लगातार गतिरोध बना हुआ है। बुधवार को कांग्रेस समेत विपक्ष के लगभग सभी दलों ने संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया। सोनिया गांधी ने एसआईआर के खिलाफ इस प्रदर्शन में हिस्सा लिया।

समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद धर्मेंद्र यादव ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्ष उसके मंसूबों को सफल नहीं होने देगा। वहीं, सपा सांसद आनंद भदौरिया ने मांग की कि सरकार चुनाव आयोग से कहे कि एसआईआर प्रक्रिया पर तत्काल रोक लगाई जाए और इस पर संसद में चर्चा कराई जाए।

सीपीआई (एमएल) के सांसद राजा राम सिंह ने आरोप लगाया कि एसआईआर भाजपा की साजिश है, जिसके जरिए गरीबों, प्रवासी मजदूरों और महिलाओं के नाम मतदाता सूची से हटाए जा रहे हैं। उन्होंने मांग की कि इस प्रक्रिया को रद्द किया जाए और संसद में इस पर विस्तृत चर्चा हो।

सीपीआई सांसद पी. संतोष ने भी एसआईआर प्रक्रिया पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ बिहार का मुद्दा नहीं है, बल्कि इससे पूरे देश की चुनावी व्यवस्था प्रभावित होगी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने चुनाव आयोग पर नियंत्रण कर रखा है और इसीलिए यह प्रक्रिया बंद की जानी चाहिए।

विपक्ष के आरोपों पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने जवाब देते हुए कहा कि एसआईआर कोई नई प्रक्रिया नहीं है। 2003 और 2006 में भी यह प्रक्रिया अपनाई गई थी। उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग एक स्वतंत्र संस्था है और वही इस प्रक्रिया का निर्णय करता है।

केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने विपक्ष की आलोचना करते हुए कहा, “जो लोग संविधान को हाथ में लेकर घूमते हैं, वही संवैधानिक व्यवस्था का सबसे अधिक मजाक उड़ा रहे हैं। एसआईआर चुनाव आयोग की एक स्थापित प्रक्रिया है, जो दशकों से जारी है। इसका विरोध सिर्फ राजनीतिक स्वार्थ के तहत किया जा रहा है, जो निंदनीय है।”

धर्मेंद्र प्रधान ने यह भी कहा कि एसआईआर पर चर्चा कराने का अर्थ है कि संसद चुनाव आयोग की प्रक्रियाओं पर चर्चा करे, जो संविधान की भावना के विपरीत है।

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