एसआईआर को लेकर लगातार सियासत तेज होती जा रही है। एनडीए इसे सही बता रही है, वहीं महागठबंधन के नेता इसे जनता के साथ धोखा बता रहे हैं। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने देश के लिए एसआईआर को जरूरी बताया है।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने समाचार एजेंसी आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “एसआईआर मतदाता सूची को शुद्ध और अपडेट करने के उद्देश्य से पूरी तरह से संवैधानिक और पारदर्शी प्रक्रिया है। यह बहुत जरूरी है, जिससे चुनाव के समय लोग फर्जी वोट न डाल सकें और इससे किसी पार्टी को फायदा न हो।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए तरुण चुघ ने कहा कि ममता बनर्जी का एसआईआर के प्रति विरोध केवल भ्रम और भय की राजनीति है। पश्चिम बंगाल की जनता भी समझ चुकी है कि ममता बनर्जी का असली डर पारदर्शिता और जवाबदेही है। एसआईआर तो होगा ही, क्योंकि ये संविधान की मर्यादा, लोकतंत्र की जरूरत और जनता की इच्छा का सम्मान है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग ने 12 पहचान पत्र मांगे हैं, जिसमें आधार कार्ड भी है। 9 सितंबर को चुनाव आयोग ने स्पष्ट कर दिया था कि आधार कार्ड भी एक दस्तावेज के लिए मान्य है। अब ममता बनर्जी जनता को भ्रमित मत करें, चुनाव आयोग ने सब स्पष्ट कर दिया है। बिहार चुनाव में महागठबंधन के एजेंडे पर निशाना साधते हुए तरुण चुघ ने कहा कि महागठबंधन केवल वंशवाद के लोगों का है। इनके पास विकास के लिए कुछ भी नहीं है। इनकी पहचान केवल रंगदारी, जंगलराज और दादागिरी है। बिहार की जनता इनको साफ करने वाली है।
बिहार में इनकी सरकार नहीं बन रही है, यह इनको भी पता चल गया है। बिहार की जनता फिर से एनडीए को सत्ता में वापस ला रही है, क्योंकि इनको विकास चाहिए जो केवल एनडीए की सरकार ही दे सकती है।
राहुल गांधी के बयान ‘देश की सेना और बड़े संस्थान सिर्फ 10 प्रतिशत आबादी के कंट्रोल में हैं, इस पर तरुण चुघ ने कहा कि राहुल गांधी की सोच केवल बंटवारे की सोच है। भारत के वीर सैनिकों पर इस तरह का आरोप लगना सही नहीं है। राहुल गांधी क्या बोलते हैं और क्या सोचते हैं, इनको खुद नहीं पता रहता है।

