सिरसा, 26 जुलाई यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत गठित एक फास्ट ट्रैक विशेष अदालत ने आज एक व्यक्ति को अपनी नाबालिग बेटी का यौन उत्पीड़न करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। न्यायमूर्ति प्रवीण कुमार ने फैसला सुनाते हुए उस पर एक लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया।
विशेष लोक अभियोजक एडवोकेट समिष्ठा के अनुसार, मामला तब सामने आया जब कालांवाली थाना क्षेत्र में रहने वाली 14 वर्षीय पीड़िता ने पुलिस को बताया कि करीब छह महीने पहले उसके पिता ने उसे खाने में नशीला पदार्थ दे दिया, जिससे वह बेहोश हो गई, जिसके बाद उसने उसके साथ यौन उत्पीड़न किया।
घटना का खुलासा 27 अक्टूबर 2019 को हुआ, जब लड़की के पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद उसकी मां उसे डॉक्टर के पास ले गई। डॉक्टर ने जांच के दौरान मां को बताया कि उसकी बेटी सात महीने की गर्भवती है। यह जानकर मां हैरान रह गई और वह उसे लेकर पुलिस थाने पहुंची। पुलिस ने नाबालिग का बयान दर्ज किया और 30 अक्टूबर 2019 को उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया।
यह ध्यान देने योग्य है कि सिरसा के वकीलों ने उस अपराधी का प्रतिनिधित्व करने से इनकार कर दिया है, जिस पर अपनी बेटी के साथ अपराध करने का आरोप है। आश्चर्य की बात यह है कि उसकी पत्नी खुद ही उसके बचाव के लिए वकील खोजने कोर्ट परिसर में गई थी। हालांकि, उसने अपने पति के खिलाफ किसी भी वकील के साथ मामला आगे बढ़ाने से इनकार कर दिया।