तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने बुधवार को कहा कि युवाओं का कौशल संवर्धन और इसके परिणामस्वरूप रोजगार सृजन राज्य सरकार की प्राथमिकता है।
वे यहाँ हिमाचल प्रदेश कौशल विकास निगम की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राज्य में युवाओं के कौशल विकास और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए पहल की जा रही है। उन्होंने कहा, “नवाचार को प्रोत्साहित करके और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बाज़ार की माँग के अनुरूप बनाकर, राज्य रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसरों का मार्ग प्रशस्त कर रहा है।”
मंत्री ने संबंधित अधिकारियों को एक व्यापक कार्य योजना तैयार करने तथा प्रशिक्षण कार्यक्रमों का प्रभावी कार्यान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया, जिसका उद्देश्य युवाओं को बढ़ती प्रतिस्पर्धा वाली दुनिया में भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार करना है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा क्रियान्वित की जा रही योजनाएं युवाओं की क्षमताओं को बढ़ाने तथा उनकी रोजगार क्षमता में सुधार लाने के लिए तैयार की गई हैं।
धर्माणी ने कहा कि निगम द्वारा संचालित प्रमाणित प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए कई उपाय किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, “2024-25 के दौरान, ऑटोमोटिव, निर्माण, परिधान और इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों से संबंधित ट्रेडों में 4,100 प्रशिक्षुओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए। इसके अलावा, कृषि, हस्तशिल्प और स्वास्थ्य सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में 650 से अधिक युवाओं को प्रमाणपत्र प्राप्त हुए हैं।”