हरियाणा में पिछले कुछ दिनों में बाढ़ और बारिश से जुड़ी दुर्घटनाओं में 11 लोगों की मौत हो गई। राज्य सरकार ने उनके परिजनों को मुआवजे के तौर पर 44 लाख रुपये जारी किए हैं। प्रत्येक हताहत के लिए 4 लाख रुपये जारी किये गये हैं।
भिवानी और फतेहाबाद में तीन-तीन, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर में दो-दो तथा हिसार में एक व्यक्ति की मौत हुई। 2 सितंबर को हिसार में एक 35 वर्षीय महिला की घर की छत गिरने से मौत हो गई। उसके पति और तीन बच्चे घायल हो गए। 3 सितंबर को भिवानी में बारिश के कारण घर गिरने से तीन नाबालिग लड़कियों की मौत हो गई।
कुरुक्षेत्र में 3 सितम्बर को मकान ढहने से दो भाइयों की मौत हो गई। यमुनानगर में भी 3 सितम्बर को मकान ढहने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि एक अन्य व्यक्ति डूब गया।
चंडीगढ़ स्थित भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, इस मानसून हरियाणा में 547.4 मिमी बारिश हुई, जो ‘सामान्य’ से 46 प्रतिशत अधिक है। फतेहाबाद में सामान्य से 149 प्रतिशत अधिक बारिश हुई, जबकि महेंद्रगढ़ में सामान्य से 123 प्रतिशत अधिक। झज्जर में सामान्य से 109 प्रतिशत अधिक, जबकि कुरुक्षेत्र में सामान्य से 106 प्रतिशत अधिक बारिश हुई।
सितंबर में राज्य में 107.5 मिमी औसत वर्षा हुई, जो सामान्य से 417 प्रतिशत अधिक है। वित्तीय आयुक्त राजस्व डॉ. सुमिता मिश्रा ने आज कहा कि सभी उपायुक्तों और जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों (डीडीएमए) को निर्देश दिया गया है कि वे हाई अलर्ट पर रहें और अपने-अपने क्षेत्राधिकार में जनता को मौसम संबंधी चेतावनियां और सुरक्षा सलाह का समय पर प्रसार सुनिश्चित करें।
किसानों के प्रति सरकार के समर्थन पर प्रकाश डालते हुए, उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फसल क्षति का व्यवस्थित आकलन और प्रभावित किसानों को मुआवज़ा देने के लिए 15 सितंबर तक ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल चालू कर दिया है। अब तक 2,781 गाँवों के 1.55 लाख किसानों ने पोर्टल पर 9.11 लाख एकड़ फसल क्षति दर्ज कराई है।
हिसार में 23,733 किसानों ने 1.51 लाख एकड़, महेंद्रगढ़ में 33,036 किसानों ने 1.45 लाख एकड़, चरखी दादरी में 26,895 किसानों ने 1.37 लाख एकड़, भिवानी में 21,428 किसानों ने 1.36 लाख एकड़ फसल क्षति दर्ज कराई है।
श्रीमती मिश्रा ने बताया कि 2,247 प्रभावित व्यक्तियों को सफलतापूर्वक बचाया गया है और पलवल, फरीदाबाद, फतेहाबाद, भिवानी, कुरुक्षेत्र और अंबाला जिलों में स्थापित सुसज्जित राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है। उन्होंने बताया कि ये अभियान राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और स्थानीय प्रशासन की टीमों के समन्वित प्रयासों से चलाए जा रहे हैं।
एसडीआरएफ इकाइयों को सात जिलों – पलवल, यमुनानगर, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, कैथल और फरीदाबाद में रणनीतिक रूप से तैनात किया गया है, जबकि एनडीआरएफ की टीमें पलवल में अतिरिक्त विशेष सहायता प्रदान कर रही हैं।
मिश्रा ने बताया कि राज्य सरकार ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में तत्काल राहत उपायों के लिए जिलों को कुल 3.06 करोड़ रुपये की आरक्षित निधि स्वीकृत की है। इस धनराशि का उपयोग प्रभावित लोगों को भोजन और वस्त्र उपलब्ध कराने, विस्थापित परिवारों के लिए अस्थायी आश्रय और तंबू, पशुओं के लिए चारा और अन्य आवश्यक आवश्यकताओं, राहत सामग्री के परिवहन और ग्रामीण क्षेत्रों में जल निकासी कार्यों के लिए किया जाएगा।