नई दिल्ली : रूफटॉप सौर कार्यक्रम को 31 मार्च 2026 तक विस्तार दिया गया है। इस कार्यक्रम के तहत 14,588 रुपये प्रति किलोवाट की सब्सिडी तब तक उपलब्ध रहेगी, जब तक कार्यक्रम का लक्ष्य हासिल नहीं हो जाता। केंद्रीय नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय का कहना है कि सभी आवासीय उपभोक्ताओं को सलाह दी जाती है कि राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन के लिए शुल्क या नेट-मीटरिंग के लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं है। केंद्र सरकार का कहना है कि उपभोक्ता किसी भी विक्रेता को इसका भुगतान न करें। यदि किसी विक्रेता, एजेंसी या व्यक्ति द्वारा इस तरह के शुल्क की मांग की जाती है, तो इसकी सूचना संबंधित वितरण कंपनी को और मंत्रालय को ईमेल पर दी जा सकती है।
राष्ट्रीय पोर्टल पर देश के किसी भी हिस्से में रूफटॉप सोलर स्थापित करने का इच्छुक कोई भी उपभोक्ता आवेदन कर सकता है। पंजीकरण से लेकर सीधे अपने बैंक खाते में सब्सिडी जारी करने तक की पूरी प्रक्रिया को देख सकता है। राष्ट्रीय पोर्टल के तहत पूरे देश के लिए सब्सिडी 14,588 रुपये प्रति किलोवाट (3 किलोवाट तक की क्षमता के लिए) निर्धारित की गई है। इसके अंतर्गत आवासीय उपभोक्ताओं को अपने इलाके की संबंधित वितरण कंपनी द्वारा पंजीकृत विक्रेताओं में से किसी एक से रूफटॉप सौर संयंत्र स्थापित करना होगा।
पंजीकृत विक्रेताओं की सूची राष्ट्रीय पोर्टल पर भी उपलब्ध है। उपभोक्ताओं के हितों की रक्षा के लिए विक्रेता और उपभोक्ताओं के बीच हस्ताक्षर किए जाने वाले समझौते का प्रारूप राष्ट्रीय पोर्टल पर उपलब्ध है। समझौते की शर्तो को लेकर परस्पर सहमति हो सकती है। विक्रेता को कम से कम 5 वर्षो के लिए उपभोक्ता को रखरखाव सेवाएं प्रदान करनी होंगी और किसी भी चूक के मामले में संबंधित वितरण कंपनी विक्रेता की बैंक गारंटी को भुना सकती है।
नवीनीकरण ऊर्जा मंत्रालय के मुताबिक, राष्ट्रीय पोर्टल पर आवेदन के लिए कोई शुल्क नहीं है और संबंधित वितरण कंपनियों द्वारा नेट-मीटरिंग के लिए शुल्क भी निर्धारित किया गया है। इसके अलावा, किसी भी विक्रेता या वितरण कंपनी को सब्सिडी प्राप्त करने के लिए कोई भी शुल्क देय नहीं है और मंत्रालय द्वारा सब्सिडी सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में जमा की जाएगी।
मंत्रालय, रूफटॉप सौर कार्यक्रम का चरण 2 लागू कर रहा है, जिसमें रूफटॉप सोलर स्थापित करने के लिए आवासीय उपभोक्ताओं को सीएफए, सब्सिडी प्रदान की जा रही है।