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सॉलिसिटर जनरल ने राघव चड्ढा के निलंबन पर सुप्रीम कोर्ट को बताया, ‘कुछ चल रहा है’

Solicitor General tells Supreme Court on Raghav Chadha's suspension, 'something is going on'

नई दिल्ली, 25 नवंबर । सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा के निलंबन से संबंधित मामले में “कुछ चल रहा है”।

मेहता ने सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया, “कुछ चल रहा है, मी लॉर्ड्स ! उन्होंने (चड्ढा) राज्यसभा के माननीय सभापति से मुलाकात की है। इसके बाद, कुछ चर्चा हुई है। उन्हें (संभवतः) समिति के सामने पेश होने की जरूरत होगी।” पीठ में न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल थे।

“कभी-कभी, शांत रहना अच्छा होता है। सीजेआई चंद्रचूड़ ने चड्ढा के वकील से कहा, ”सॉलिसिटर जनरल ने जो कहा है, उसे ध्यान से सुनें। चड्ढा ने 28 नवंबर को तत्काल सुनवाई के लिए जोर दिया।

एक बहुत ही संक्षिप्त सुनवाई में एसजी मेहता ने अनुरोध किया कि चड्ढा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी जाए।

लिस्टिंग की अगली तारीख सुनिश्चित करने के लिए अदालत के औपचारिक आदेश का इंतजार किया जा रहा है।

इससे पहले की सुनवाई में शीर्ष अदालत ने चड्ढा को राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से मिलने और सदन में अपने कथित कदाचार के लिए बिना शर्त माफी मांगने को कहा था।

चड्ढा को इस साल अगस्त में चयन समिति में अपना नाम शामिल करने के लिए पांच राज्यसभा सांसदों की सहमति नहीं लेने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था।

चड्ढा की ओर से पेश हुए वकील शादान फरासत ने कहा कि उनके मुवक्किल का संसद के उच्च सदन की गरिमा को प्रभावित करने का कोई इरादा नहीं था और वह नए सिरे से बिना शर्त माफी मांगने में संकोच नहीं करेंगे।

उन्होंने कहा कि सांसद ने पहले भी कई मौकों पर माफी मांगी है। फरासत ने कहा, “वह (चड्ढा) सदन के सबसे युवा सदस्य हैं और माफी मांगने में कोई दिक्कत नहीं है।”

चड्ढा ने राज्य सभा से अपने निलंबन को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है और कहा है कि सदन के सभापति किसी सदस्य को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने का आदेश नहीं दे सकते, खासकर तब, जब विशेषाधिकार समिति पहले ही उसी मुद्दे पर जांच कर चुकी है।

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