N1Live National ‘एकपक्षीय चर्चा से नहीं निकलेगा समाधान, दोनों पक्षों का शामिल करना जरूरी’, यूक्रेन-रूस युद्ध पर बोले पीएम मोदी
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‘एकपक्षीय चर्चा से नहीं निकलेगा समाधान, दोनों पक्षों का शामिल करना जरूरी’, यूक्रेन-रूस युद्ध पर बोले पीएम मोदी

'Solution will not come from unilateral discussion, it is necessary to involve both the parties', PM Modi said on Ukraine-Russia war

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी पॉडकास्टर लेक्स फ्रीडमैन के साथ रूस-यूक्रेन युद्ध और वैश्विक शांति जैसे मुद्दों पर बात की। उन्होंने कहा कि इस समय सार्थक बातचीत का सही अवसर है और वार्ता में दोनों पक्षों को शामिल करना जरूरी है। भारत की भूमिका के बारे में उन्होंने कहा कि हमारा देश गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है, और हम शांति के लिए समर्पित हैं।

पीएम मोदी ने पॉडकास्ट के दौरान रूस-यूक्रेन युद्ध में भारत की भूमिका से जुड़े सवाल का जवाब देते हुए बताया, “मैं उस देश का प्रतिनिधित्व करता हूं जो भगवान बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि है। ये वे महान आत्माएं हैं जिनकी शिक्षाएं, शब्द, कार्य और व्यवहार पूरी तरह से शांति के लिए समर्पित हैं। और यही कारण है कि सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से हमारी पृष्ठभूमि इतनी मजबूत है कि जब भी हम शांति की बात करते हैं, तो दुनिया हमारी बात सुनती है।”

दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के साथ अपने अच्छे संबंध का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “रूस और यूक्रेन दोनों के साथ मेरे घनिष्ठ संबंध हैं। मैं राष्ट्रपति पुतिन के साथ बैठकर कह सकता हूं कि यह युद्ध का समय नहीं है, और मैं राष्ट्रपति जेलेंस्की से भी मित्रवत तरीके से कह सकता हूं कि भाई, दुनिया में चाहे कितने भी लोग आपके साथ खड़े हों, युद्ध के मैदान में कभी समाधान नहीं निकलेगा। समाधान तभी निकलेगा जब यूक्रेन और रूस दोनों बातचीत की मेज पर आएंगे। यूक्रेन अपने सहयोगियों के साथ अनगिनत चर्चाएं कर सकता है, लेकिन इसका कोई नतीजा नहीं निकलेगा। चर्चाओं में दोनों पक्षों को शामिल किया जाना चाहिए।”

पीएम मोदी ने कहा कि गौतम बुद्ध और महात्मा गांधी की भूमि से होने के कारण भारतीयों में संघर्ष और टकराव का समर्थन करने की आदत नहीं है। हम इसकी बजाय सद्भाव का समर्थन करते हैं। हम न तो प्रकृति के विरुद्ध युद्ध छेड़ना चाहते हैं, न ही राष्ट्रों के बीच संघर्ष को बढ़ावा देना चाहते हैं। हम शांति के पक्षधर हैं और जहां भी हम शांति निर्माता के रूप में कार्य कर सकते हैं, हमने उस जिम्मेदारी को सहर्ष स्वीकार किया है।

उन्होंने कहा कि शुरू में, शांति स्थापित करना चुनौतीपूर्ण था, लेकिन अब मौजूदा स्थिति यूक्रेन और रूस के बीच सार्थक और उत्पादक बातचीत का अवसर प्रस्तुत करती है। बहुत पीड़ा हुई है। यहां तक कि ग्लोबल साउथ ने भी पीड़ा झेली है। दुनिया खाद्य, ईंधन और उर्वरक संकट से जूझ रही है। इसलिए वैश्विक समुदाय को शांति की खोज में एकजुट होना चाहिए।

उन्होंने कहा, “जहां तक मेरा सवाल है, मैंने हमेशा यही कहा है कि मैं शांति के साथ खड़ा हूं। मैं तटस्थ नहीं हूं। मेरा एक रुख है और वह है शांति, और शांति ही वह चीज है जिसके लिए मैं प्रयास करता हूं।”

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