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फिल्म में डायलॉग से ज्यादा गाने व्यक्त करते हैं भावनाएं : मानसी बागला

Songs express more emotions in a film than dialogues: Manasi Bagla

विक्रांत मैसी और शनाया कपूर स्टारर फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ की राइटर और प्रोड्यूसर मानसी बागला का मानना है कि फिल्म में डायलॉग से ज्यादा भावनाएं गाने व्यक्त करते हैं।

फिल्म का टाइटल सॉन्ग ‘आंखों की गुस्ताखियां’, ‘नजारा’, और हाल ही में रिलीज हुआ गाना ‘अलविदा’ लोगों को काफी पसंद आ रहा है। ये तीनों गाने भावुकता से भरे हुए हैं।

फिल्म के संगीत के बारे में मानसी बागला का कहना है, “म्यूजिक ‘आंखों की गुस्ताखियां’ का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा है। अब तक जो भी गाने रिलीज हुए हैं, वे प्यार, इंतजार, दर्द और उन भावनाओं को दिखाते हैं जिनसे फिल्म के किरदार गुजर रहे हैं। चूंकि मुझे संगीत का अच्छा अनुभव है, इसलिए मेरा मानना है कि गाने डायलॉग से ज्यादा भावना व्यक्त करते हैं। मुझे संगीत तैयार करने में एक साल का समय लगा है।”

मानसी ने कहा, ” ‘आंखों की गुस्ताखियां’ एक ऐसी प्रेम कहानी है जो दिल को सुकून देती है। इसलिए कहानी के मुताबिक, इसका संगीत भी बिल्कुल वैसा ही होना बहुत जरूरी था। मेरे लिए संगीत कभी भी बाद में सोचने वाली चीज नहीं है, बल्कि यह फिल्म की भावना को मजबूत करने वाला हिस्सा है। मैंने हर गाने को कहानी के मुताबिक फिट किया है, ताकि दर्शक किरदारों की भावनाओं को गहराई से महसूस कर सकें। मुझे संगीत काफी पसंद है, इसलिए मेरा पूरा ध्यान इस ओर रहता है। मैं कभी-कभी अपने दिल की बात संगीत के जरिए ही जाहिर करती हूं।”

फिल्म ‘आंखों की गुस्ताखियां’ को जी स्टूडियोज और मिनी फिल्म्स ने पेश किया है। इसे मानसी बागला, वरुण बागला और ओपन विंडो फिल्म्स ने मिलकर बनाया है। साथ ही कहानी मानसी बागला ने लिखी है। फिल्म के निर्देशक संतोष सिंह हैं, और म्यूजिक विशाल मिश्रा ने दिया है।

‘आंखों की गुस्ताखियां’ फिल्म 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज होगी।

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