October 29, 2025
Himachal

एसपीसीबी को मार्कंडेय में उद्योग द्वारा प्रदूषण पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश

SPCB directed to file detailed reply on pollution by industry in Markandeya

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) और कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का संचालन करने वाली कंपनी द्वारा दाखिल जवाब को अपर्याप्त बताते हुए राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हिमाचल प्रदेश और हरियाणा के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और जिला मजिस्ट्रेट सिरमौर को नदी में औद्योगिक अपशिष्ट से होने वाले प्रदूषण पर विस्तृत जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है।

न्यायाधिकरण की मुख्य पीठ ने ये आदेश 15 अक्टूबर को नारायणगढ़ निवासी धर्मवीर द्वारा 2022 में दायर एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुनाए। इस याचिका में आरोप लगाया गया था कि उद्योग अपना अपशिष्ट नदी में छोड़ रहे हैं, जिससे नदी प्रदूषित हो रही है और आसपास के क्षेत्र में मवेशियों में बीमारी फैल रही है। इसके बाद न्यायाधिकरण ने एक संयुक्त समिति का गठन किया, जिसने नौ प्रदूषणकारी उद्योगों की पहचान की, जो नदी में खतरनाक अपशिष्ट डालकर उसे प्रदूषित कर रहे हैं।

काला अंब में मार्कंडेय नदी में प्रदूषण के स्तर में गिरावट पर कड़ा संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार ने हिमाचल प्रदेश के राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (एसपीसीबी) को उन दोषी उद्योगों की सूची प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है, जो अपना अपशिष्ट सिरमौर जिले के काला अंब स्थित सामान्य अपशिष्ट उपचार संयंत्र (सीईटीपी) में नहीं भेजते हैं।

एसपीसीबी को उक्त नदी में गिरने वाले कुल नालों, इन नालों को टैप किया गया है या नहीं, क्या नदी में अनुपचारित सीवेज छोड़ा जा रहा है, काला अंब में उद्योगों की कुल संख्या, जो सीईटीपी से जुड़े नहीं हैं, जिनके पास शून्य तरल निर्वहन सुविधा है, इसके अलावा नदी और जट्टन वाला नाले में सीवेज और अपशिष्टों के संगम के निर्वहन बिंदुओं के नमूने के परिणाम जैसी पूरी जानकारी दर्ज करने के लिए कहा गया है।

मार्कंडेय नदी और जट्टन वाला नाले में प्रदूषण संबंधी मुद्दों पर कड़ा रुख अपनाते हुए न्यायाधिकरण ने 21 जनवरी, 2026 के लिए मामले को सूचीबद्ध करते हुए निर्वहन बिंदुओं से औद्योगिक अपशिष्टों का पूरा नमूना विवरण मांगा है। न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों के बोर्डों से एक सुधारात्मक योजना भी मांगी है और साथ ही उनसे औद्योगिक अपशिष्टों के निर्धारित मापदंडों के उल्लंघन के पीछे का कारण बताने को भी कहा है।

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