भाजपा ने आज विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया से कहा कि वह राज्य सरकार के दबाव में आकर अलोकतांत्रिक और तानाशाही तरीके से उसके नौ विधायकों को हटाने से बचें।
श्री नैना देवी विधायक और भाजपा के मुख्य प्रवक्ता रणधीर शर्मा ने यहां एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए सदन की अवमानना की शिकायत पर नौ भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई के बारे में कल यहां दिए गए स्पीकर के बयान पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा, “अगर स्पीकर नौ विधायकों को हटाने का कोई असंवैधानिक फैसला लेते हैं, तो भाजपा इसका डटकर मुकाबला करेगी। हम उनकी धमकियों से डरने वाले नहीं हैं और कानूनी तरीके से इसका सामना करेंगे।”
अध्यक्ष ने कहा था कि इस विधानसभा के कार्यकाल के दौरान सदन की अवमानना करने वाले नौ भाजपा विधायकों के खिलाफ निर्णय लिया जाएगा।
शर्मा ने पठानिया पर राज्य सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष एक संवैधानिक पद पर हैं, जिसका हम सभी सम्मान करते हैं। हमें उम्मीद है कि वह कुर्सी की गरिमा बनाए रखेंगे और निष्पक्ष तरीके से काम करेंगे और सरकार के दबाव में लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए विधायकों को नहीं हटाएंगे।”
उन्होंने कहा, “ऐसा प्रतीत होता है कि अध्यक्ष ने छह मुख्य संसदीय सचिवों (सीपीएस) को हटाने के बाद अचानक नौ विधायकों के खिलाफ शिकायत वापस ले ली है, जिनके सदन से अयोग्य ठहराए जाने का जोखिम है। शर्मा ने कहा कि नौ विधायकों के खिलाफ शिकायत पिछले बजट सत्र के दौरान सदन के वेल में हुई घटनाओं से संबंधित थी, लेकिन चूंकि अध्यक्ष वहां नहीं थे, इसलिए कोई कार्रवाई नहीं हो सकी।
शर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकार विपक्ष का सामना करने से डरती है और इसलिए शीतकालीन सत्र में केवल चार बैठकें होंगी। उन्होंने कहा, “राज्य सरकार भ्रष्टाचार, अवैध खनन, मादक पदार्थों की तस्करी जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर विपक्ष का सामना नहीं कर सकती। इस संक्षिप्त चार दिवसीय सत्र के दौरान भी विपक्ष इन सभी मुद्दों को जोर-शोर से उठाएगा।”
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