हिमाचल प्रदेश में लक्षित जागरूकता अभियानों के ठोस परिणाम दिखने लगे हैं, जहाँ चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी में स्पष्ट वृद्धि देखी जा रही है। फोटो मतदाता सूची-2025 के अंतिम प्रकाशन के अनुसार, राज्य का मतदाता लिंगानुपात प्रति 1,000 पुरुष मतदाताओं पर 981 महिला मतदाताओं से बढ़कर 983 हो गया है।
अधिकारियों ने उन निर्वाचन क्षेत्रों में विशेष अभियान चलाए जो राज्य और ज़िले के औसत से पीछे थे। हर विधानसभा क्षेत्र में मतदाता लिंग अनुपात पर कड़ी नज़र रखी जाती है और जहाँ भी संख्या कम होती है, वहाँ विशेष रणनीतियाँ अपनाई जाती हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी नंदिता गुप्ता ने ज़ोर देकर कहा कि किसी भी गणतंत्र की मज़बूती उसकी महिलाओं की भागीदारी पर निर्भर करती है। उन्होंने यह भी कहा कि भारत का चुनाव आयोग ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को लोकतांत्रिक दायरे में लाने के लिए लगातार काम कर रहा है।
पिछले छह महीनों में, 16 निर्वाचन क्षेत्रों में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। भरमौर में यह अनुपात 930 से बढ़कर 948, इंदौरा में 939 से 952 और फतेहपुर में 972 से 976 हो गया। उल्लेखनीय प्रगति दिखाने वाले अन्य निर्वाचन क्षेत्रों में बंजार (967 से 968), करसोग (972 से 977), सेराज (935 से 939), द्रंग (970 से 972), चिंतपूर्णी (959 से 961), श्री नैना देवी (962 से 966), नालागढ़ (956 से 959), दून (922 से 925), कसौली (949 से 951), शिलाई (820 से 833), शिमला (934 से 936), रामपुर (946 से 950) और रोहड़ू (955 से 967) शामिल हैं।
शिलाई उपमंडल की बालीकोटी, बंदली और कांडो-भटनोल पंचायतों में जमीनी स्तर पर हुई बातचीत से इस अभियान को और भी बल मिला। बूथ स्तर के अधिकारियों ने मौके पर ही नामांकन प्रक्रिया को सुगम बनाया, जिससे 333 महिलाओं ने पंजीकरण कराया, जिनमें 14 स्थानीय मतदान केंद्रों की 148 और 97 अन्य मतदान केंद्रों की 185 महिलाएं शामिल थीं।
राज्य के लिंग अनुपात में ऊपर की ओर बदलाव महिलाओं की राजनीतिक भागीदारी में सार्थक वृद्धि और निरंतर, लक्षित पहुंच के प्रभाव को रेखांकित करता है।

