कोलंबो, राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे दोपहर 1 बजे तक अपने इस्तीफे की घोषणा करने में विफल रहे। बुधवार को गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे के कार्यालय को घेर लिया, जिन्हें राज्य के प्रमुख की अनुपस्थिति में कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में जाना जाता है। प्रधान मंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने पश्चिमी प्रांत में तत्काल प्रभाव से कर्फ्यू और द्वीप पर आपातकालीन कानून लागू करने का आदेश दिया है। सुरक्षा बलों को भी दंगा करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने और उन लॉरियों को जब्त करने का सख्त निर्देश दिया गया है जिनमें वे यात्रा कर रहे हैं।
राष्ट्रपति ने प्रदर्शनकारियों की मांग के अनुसार पद नहीं छोड़ा। प्रधानमंत्री कार्यालय पर कब्जा करने वाले प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस और सेना ने आंसू गैस के गोले दागे और हवा में गोलीबारी सहित भारी बल प्रयोग किया।
9 जुलाई को भी इसी तरह की घटना देखने को मिली, जहां लोगों ने राष्ट्रपति के घर, उनके कार्यालय और प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास पर प्रतीकात्मक रूप से सरकार और राष्ट्रपति पद पर कब्जा कर लिया।
बता दें, राष्ट्रपति ने घोषणा की कि वह 20 जुलाई बुधवार को इस्तीफा दे देंगे, लेकिन बुधवार तड़के राष्ट्रपति श्रीलंका वायु सेना के एंटोनोव-32 विमान से देश से बाहर निकल गए। एयरफोर्स ने बाद में एक अधिनियम के तहत कहा कि राष्ट्रपति अभी यात्रा करने के हकदार हैं।