विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने आज आरोप लगाया कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी) एवं अस्पताल में ट्रॉमा सेंटर के लिए कर्मचारियों की भर्ती इसके चालू होने से काफी पहले ही कर दी गई थी, जिसके परिणामस्वरूप 2.30 करोड़ रुपये का अनावश्यक वेतन बिल आ गया।
पूर्व मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि सैकड़ों सहायक और पैरामेडिकल कर्मचारियों की भर्ती ठेकेदारों के माध्यम से की गई, जिसमें कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए सभी नियमों की धज्जियां उड़ा दी गईं।
उन्होंने आरोप लगाया, “जनशक्ति पर होने वाला खर्च केंद्र सरकार उठा रही है। जन कल्याण के लिए रखा गया पैसा चहेतों में बांटा जा रहा है।”
ठाकुर ने बताया कि ट्रॉमा सेंटर का उद्घाटन मार्च 2023 में मुख्यमंत्री द्वारा किया जाना था। उन्होंने कहा, “उद्घाटन के बाद मैनपावर की भर्ती का आदेश जारी किया गया था। कर्मचारियों की भर्ती आउटसोर्स के आधार पर की गई थी, लेकिन ट्रॉमा सेंटर डेढ़ साल बाद चालू हुआ।”
इस बीच, आईजीएमसी के चिकित्सा अधीक्षक डॉ राहुल राव ने ठाकुर के आरोपों को खारिज कर दिया और कहा कि हालांकि ट्रॉमा सेंटर में मरीजों का प्रवेश आज से शुरू हुआ है, लेकिन मार्च 2023 से वहां कई सेवाएं पहले से ही प्रदान की जा रही हैं। डॉ राव ने कहा, “वहां पहले से चल रही सेवाओं में 20 बिस्तरों वाला आपातकालीन चिकित्सा वार्ड, फिजियोथेरेपी केंद्र, सीटी स्कैन मशीन, डिजिटल एक्स-रे मशीन जैसी कुछ सहायक सेवाएं और भवन के तहखाने में रक्त संग्रह केंद्र शामिल हैं।”
उन्होंने कहा, “हमें नवंबर 2023 में शुरू होने वाली कुछ सेवाओं के कारण पूरी इमारत खोलनी पड़ी। और मुख्य रूप से इमारत की सफ़ाई और मरीज़ों की देखभाल के लिए कर्मचारियों की भर्ती की गई।” उन्होंने कहा कि ठेकेदार नवंबर 2023 से बिल का दावा कर रहे थे, न कि मार्च 2023 से।
डॉ. राव ने बताया कि अस्पताल को ट्रॉमा सेंटर के लिए 200 से ज़्यादा पदों पर भर्ती करने की सरकार से मंज़ूरी मिल गई है। उन्होंने कहा, “हमने ज़रूरी सेवाएँ चलाने के लिए कर्मचारियों की नियुक्ति की है।”