राज्य सरकार ने स्वास्थ्य सेवा प्रणाली को और मजबूत करने के लिए चिकित्सा शिक्षा निदेशालय (डीएमई) और स्वास्थ्य सेवा निदेशालय (डीएचएस) में संवर्गों को अलग करने की अधिसूचना जारी की है।
नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ, मिनिस्टीरियल स्टाफ, रेडियोग्राफर, ऑपरेशन थियेटर असिस्टेंट, ड्राइवर और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों सहित विभिन्न श्रेणियों के कर्मचारियों को अपना पसंदीदा कैडर चुनने का विकल्प दिया गया है। 74.44 प्रतिशत कर्मचारियों ने डीएचएस में शामिल होने का विकल्प चुना है।
स्वास्थ्य विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि अंतिम रूप से तैयार ढांचे के अनुसार, 14,573 कर्मचारियों ने डीएचएस को चुना है, जबकि 5,002 ने डीएमई को चुना है। कर्मचारियों की कमी को दूर करने के लिए सरकार अब निदेशालयों के लिए अलग से भर्ती करेगी, जिससे संतुलित स्टाफिंग और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं सुनिश्चित होंगी।
उन्होंने कहा कि यह रणनीतिक निर्णय हिमाचल प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ाने के लिए सरकार के चल रहे प्रयासों के अनुरूप है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले दो सालों में स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने के लिए कई पहल की हैं। उन्होंने कहा, “आने वाले महीनों में स्वास्थ्य संस्थानों में पुराने चिकित्सा उपकरणों को उन्नत तकनीक से बदला जाएगा ताकि चिकित्सा सुविधाओं को और बेहतर बनाया जा सके।”
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध रहेगी तथा राज्य के लोगों के लिए सुलभ एवं उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा देखभाल सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक सुधारों को लागू करना जारी रखेगी।
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