नूरपुर, 21 अगस्त प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार गेहूं और मक्का की प्राकृतिक खेती की उपज के लिए विशेष बढ़ा हुआ न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रदान करेगी।
यह बात कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने कांगड़ा के पड़ोसी जवाली विधानसभा क्षेत्र के जरोट में प्राकृतिक खेती पर जन जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए एक जनसभा में कही। उन्होंने कहा कि सरकार जैविक गेहूं और मक्के के लिए क्रमशः 40 रुपये और 30 रुपये प्रति किलो एमएसपी प्रदान करेगी।
कृषि विभाग और कृषि प्रौद्योगिकी प्रबंधन एजेंसी (ATMA) के तत्वावधान में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। मंत्री ने कहा कि रसायनों का अत्यधिक उपयोग उपभोक्ताओं के लिए स्वास्थ्य के लिए खतरा बन गया है और रासायनिक उर्वरकों के बुरे प्रभाव से अनाज की फसलों को बचाने के लिए प्राकृतिक खेती एक बेहतर कम लागत वाला विकल्प है। कुमार ने कहा कि किसानों और फल उत्पादकों की आर्थिकी को मजबूत करने के लिए, राज्य सरकार खुशहाल किसान योजना के माध्यम से उन्हें रियायती दरों पर कृषि उपकरण उपलब्ध कराकर प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस खेती तकनीक को अपनाने से जहां पैदावार बढ़ेगी, वहीं खेती की लागत भी कम होगी। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार समय-समय पर जागरूकता शिविरों का आयोजन कर किसानों को प्रशिक्षण दे रही है। उन्होंने बताया कि खुशहाल किसान योजना के तहत 40,842 किसानों ने रसायन मुक्त खेती अपनाई है।
इस अवसर पर एटीएमए के परियोजना निदेशक डॉ. आरके भारद्वाज ने भी किसानों को प्राकृतिक खेती के लाभों से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि एटीएमए किसानों को प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए प्रशिक्षण प्रदान कर रहा है।
उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती तरल पदार्थ के उत्पादन के लिए प्लास्टिक ड्रम पर 75 प्रतिशत या अधिकतम 750 रुपये प्रति ड्रम तीन ड्रम खरीदने पर अनुदान दिया जा रहा है। इसी प्रकार, गौशाला के फर्श के निर्माण पर 80 प्रतिशत या अधिकतम 8,000 रुपये अनुदान दिया जा रहा है। कृषि उपनिदेशक राहुल कटोच ने भी किसानों को संबोधित किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री ने विभाग द्वारा प्राकृतिक खेती के माध्यम से तैयार बाजरे की प्रदर्शनी का निरीक्षण किया।
Leave feedback about this