शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने आज यहां ‘हिमाचल में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा’ विषय पर आयोजित तीन दिवसीय कार्यशाला के उद्घाटन अवसर पर कहा कि राज्य सरकार राज्य में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए बड़े फैसले ले रही है। समग्र शिक्षा और हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान द्वारा आयोजित कार्यशाला में पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप, शिक्षा सचिव राकेश कंवर, केंद्र सरकार के उप शिक्षा सचिव लिंगराज पांडा और शिक्षा विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने का काम सौंपा था, जिसके लिए कई फैसले लिए गए हैं। उन्होंने कहा, “स्कूलों का विलय, शिक्षकों के खाली पदों को भरना, सत्र के बीच में शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगाना आदि शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए किए गए कुछ बड़े फैसले हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि राज्य सरकार शिक्षा विभाग में राजनीतिक हस्तक्षेप न होने देने की नीति पर काम कर रही है। उन्होंने कहा, “गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। शिक्षकों को एक्सपोजर टूर पर सिंगापुर भेजना और आईआईएम सिरमौर से स्कूल प्रमुखों को प्रशिक्षित करना इस दिशा में उठाए गए कदम हैं।”
पूर्व केंद्रीय शिक्षा सचिव अनिल स्वरूप ने कहा कि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (DIE) अच्छा काम कर रहे हैं और अन्य DIET केंद्र भी उनका अनुसरण कर सकते हैं। उन्होंने DIET को और मजबूत बनाने तथा शिक्षकों के प्रशिक्षण पर जोर दिया।
शिक्षा सचिव राकेश कंवर ने कहा कि राज्य सरकार ने शिक्षा के स्तर को सुधारने की इच्छाशक्ति दिखाई है। उन्होंने कहा, “पिछले दो सालों में सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिनसे शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने में मदद मिलेगी।” उन्होंने केंद्र से शिक्षा के लिए राज्यों को दिए जाने वाले फंड के मामले में लचीला रुख अपनाने का भी आग्रह किया। उन्होंने कहा, “राज्यों को फंड के इस्तेमाल में लचीलापन दिया जाना चाहिए।”
समग्र शिक्षा निदेशक राजेश शर्मा ने राज्य में शिक्षा परिदृश्य पर एक प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा, “प्रति छात्र व्यय के मामले में हिमाचल प्रदेश देश में पांचवें स्थान पर है। राज्य अपने बजट का एक बड़ा हिस्सा शिक्षा पर खर्च कर रहा है, हालांकि इसका एक बड़ा हिस्सा शिक्षकों के वेतन पर खर्च हो रहा है।”
केंद्र सरकार में उप सचिव शिक्षा लिंगराज पांडा ने नई शिक्षा नीति-2020 के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला।
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