जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर की गिरफ्तारी के बाद पुलिस ने करीब 43 लोगों को हिरासत में लिया है, जिनकी पहचान की जा रही है। इनमें 30 लोगों की पहचान कर ली गई है, जिसमें एक भी छात्र नहीं है। इस बीच पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर फिर से किसी ने प्रतिबंधित स्थल पर धरना दिया तो जिला प्रशासन सख्ती से निपटेगा।
दरअसल, पटना के गांधी मैदान में आमरण अनशन पर बैठे प्रशांत किशोर को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया था। उन्हें मेडिकल चेकअप के बाद पटना सिविल कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट से उन्हें जमानत मिल गई।
पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह ने कहा, “पटना हाई कोर्ट द्वारा धरना के लिए जो स्थल गर्दनीबाग चिन्हित किया गया है, वहां जाकर धरना देने के लिए प्रशांत किशोर से कई बार आग्रह किया गया था और उन्हें इसके लिए नोटिस भी जारी किया गया। उनको इसके लिए समय भी दिया गया। जब उन्होंने बात नहीं मानी तो पुलिस ने उनके खिलाफ गांधी मैदान थाना में मामला भी दर्ज किया था। इसके बाद उन्हें सोमवार की सुबह गिरफ्तार कर लिया गया।”
उन्होंने बताया, “उनके साथ 43 लोगों को हिरासत में लिया गया है। कुल 15 गाड़ियों को भी सीज किया गया है। हिरासत में लिए गए लोगों की पहचान की जा रही है। अभी तक 30 लोगों की पहचान की गई है, जिसमें से पांच लोग पटना से हैं और बाकी सभी लोग पार्टी के कार्यकर्ता हैं। शेष लोग विभिन्न जिलों से हैं। तीन लोग उत्तर प्रदेश से हैं और एक व्यक्ति दिल्ली का रहने वाला है। अब तक जितने लोगों की पहचान की गई है, उनमें एक भी छात्र नहीं है।”
उन्होंने सख्त हिदायत दी कि जिनको धरना प्रदर्शन करना है, वे निर्धारित स्थल पर ही जाकर करें, प्रतिबंधित क्षेत्र में इसकी इजाजत नहीं है। आगे से ऐसा करने वालों से प्रशासन सख्ती से निपटेगा।