हरियाणा में बढ़ती गर्मी और लू की तीव्रता को देखते हुए गुरुवार को शिक्षा निदेशालय ने सभी सरकारी और निजी विद्यालयों के लिए आदेश जारी किया है। इस आदेश का मकसद छात्रों को गर्मी से सुरक्षित रखना और लू से होने वाली स्वास्थ्य समस्याओं से बचाना है।
निदेशालय की ओर से प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों, जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों, खंड शिक्षा अधिकारियों, खंड मौलिक शिक्षा अधिकारियों और स्कूल प्रमुखों को पत्र लिखकर इन दिशा-निर्देशों की सख्ती से पालन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं।
निर्देशों में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि किसी भी परिस्थिति में विद्यार्थियों को खुली धूप में न बैठाया जाए और न ही किसी प्रकार के कार्यक्रम या आयोजन खुले में किए जाएं। विद्यालयों में विद्यार्थियों के लिए स्वच्छ पीने के पानी की समुचित व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए, ताकि उन्हें निर्जलीकरण से बचाया जा सके। इसके अतिरिक्त, सभी स्कूलों में दिन में तीन बार पानी पीने के लिए घंटी बजाने के आदेश दिए गए हैं, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी विद्यार्थी नियमित अंतराल पर पानी पिएं और उनके शरीर में तरलता बनी रहे।
इसके अलावा, शिक्षा निदेशालय ने कहा कि स्कूलों में उपलब्ध रेड क्रॉस फंड का उपयोग करते हुए लू से बचाव हेतु ओआरएस पैकेट्स की पर्याप्त मात्रा में व्यवस्था की जाए। इसके लिए स्कूल मैनेजमेंट कमेटी (एसएमसी) को अधिकृत किया गया है ताकि वह आवश्यकता अनुसार इस निधि का प्रयोग कर सके। साथ ही विद्यार्थियों के साथ गर्मी से बचने के उपायों पर चर्चा की जाए और उन्हें जागरूक किया जाए। यदि आवश्यकता हो तो आयुष विभाग से भी संपर्क किया जा सकता है।
आपात स्थिति की तैयारी के तहत स्थानीय अस्पतालों से संपर्क की व्यवस्था रखने और प्राथमिक उपचार का प्रशिक्षण लेने की सलाह दी गई है। विद्यालयों को यह भी निर्देशित किया गया है कि वे क्लासरूम की खिड़कियों को एल्यूमीनियम पन्नी, गत्ते या अन्य रिफ्लेक्टिव सामग्री से ढंक कर रखें, जिससे गर्मी अंदर प्रवेश न कर सके। जिन खिड़कियों और दरवाजों से दोपहर में गर्म हवा आती है, उन पर पर्दे लगाए जाएं। साथ ही, मौसम के पूर्वानुमान को ध्यान से सुना जाए और संभावित तापमान वृद्धि के प्रति सतर्कता बरती जाए।
विद्यार्थियों की सुरक्षा को लेकर विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं, जिसमें यह भी शामिल है कि उन्हें कभी भी बंद वाहनों में अकेला न छोड़ा जाए। इसके अलावा, विद्यार्थियों को यह निर्देशित किया गया है कि वे गर्मी की छुट्टियों के दौरान घर पर ही रहें और धूप में बाहर निकलने से परहेज करें। संतुलित, हल्का और नियमित भोजन करने के साथ-साथ अगर घर से बाहर निकलना अनिवार्य हो तो सिर और शरीर को कपड़े या टोपी से ढंक कर निकलें।
विद्यालयों को यह भी कहा गया है कि वे बाहरी गतिविधियों का आयोजन सुबह 10 बजे तक संपन्न कर लें, ताकि विद्यार्थियों को तीव्र गर्मी से बचाया जा सके। शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी यह आदेश विद्यार्थियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया एक महत्वपूर्ण कदम है, जिसे राज्यभर के सभी स्कूलों में तत्काल प्रभाव से लागू किया जाना अनिवार्य है।
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