पुलिस अधीक्षक भगत सिंह ठाकुर ने गुरुवार को टाउन हॉल में आयोजित भाषण प्रतियोगिता के समापन पर उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि जिला पुलिस की नशा विरोधी पहल, ‘नशे के विरुद्ध युद्ध’ को व्यापक जनसमर्थन मिल रहा है और इसके सराहनीय परिणाम सामने आ रहे हैं। इस अवसर पर उन्होंने अभियान के दूसरे चरण का औपचारिक शुभारंभ भी किया।
एसपी ठाकुर ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में शुरू किए गए इस अभियान के पहले चरण में ग्राम पंचायतों और शैक्षणिक संस्थानों में व्यापक प्रचार-प्रसार किया गया। पुलिस टीमों ने युवाओं और बच्चों पर केंद्रित जागरूकता शिविर आयोजित किए, जिनका उद्देश्य उन्हें नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खतरों और नशामुक्त समाज के महत्व के बारे में शिक्षित करना था।
उन्होंने बताया कि ज़िला पुलिस ने कई बड़े नशा तस्करों को सफलतापूर्वक गिरफ्तार किया है और पिछले साल की तुलना में चिट्टे की ज़ब्ती में 600 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है। उन्होंने कहा, “नशीले पदार्थों के सेवन या तस्करी में शामिल लोगों को सलाखों के पीछे डाला जाएगा।” उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस बुराई से निपटने में जनता का सहयोग बेहद ज़रूरी है।
उन्होंने कहा, “नशे के आदी लोग या तो जेल में पहुंचेंगे या नशा मुक्ति केंद्रों में जाएंगे।” उन्होंने बताया कि 280 व्यक्तियों की चिकित्सा जांच की गई, जिनमें से 125 नशे के आदी पाए गए।
राज्य सरकार की एक पहल पर प्रकाश डालते हुए, एसपी ठाकुर ने बताया कि ज़िले के पुलिस अधिकारियों ने 41 स्कूलों को गोद लिया है, जहाँ वे नियमित रूप से छात्रों के साथ मिलकर नशे के दुष्प्रभावों के बारे में जागरूकता बढ़ा रहे हैं। उन्होंने ज़िले के निवासियों से समाज से नशे की लत को मिटाने के अभियान में सक्रिय योगदान देने का आग्रह किया।
इससे पहले, मेडिकल कॉलेज के पूर्व प्राचार्य डॉ. अनिल चौहान और कार्यवाहक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. अजय अत्री ने भी श्रोताओं को संबोधित किया और मादक द्रव्यों के सेवन के बढ़ते खतरे पर जोर दिया।
इस कार्यक्रम में राजेश तोमर (न्यायाधीश, हिमाचल प्रदेश परिवहन अपीलीय प्राधिकरण), जिला अटॉर्नी संदीप अग्निहोत्री, एएसपी (सतर्कता) रेणु शर्मा, एसडीएम संजीत सिंह और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
कार्यक्रम के दौरान, भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 10 स्थानीय स्कूलों के 20 विद्यार्थियों ने नशे की लत के मुद्दे पर उत्साहपूर्वक भाषण दिया। हिम अकादमी पब्लिक स्कूल, विकासनगर के सादिक ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। हिम अकादमी पब्लिक स्कूल की शिरीन और डीएवी स्कूल की काश्वी धीमान संयुक्त रूप से दूसरे स्थान पर रहीं। सुपर मैग्नेट स्कूल की लक्षिता ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। हिम अकादमी की अनन्याश्री और हीरानगर की तनिषा को सांत्वना पुरस्कार मिले।
प्रतियोगिता का निर्णायक डिग्री कॉलेज हमीरपुर के डॉ. मुकुल शर्मा और डॉ. वीरेंद्र प्रताप सिंह तथा एक स्वयंसेवी संगठन की पदाधिकारी समाक्षी थीं।