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कांगड़ा हवाई अड्डे की आपातकालीन प्रतिक्रिया टीम ने मॉक ड्रिल में अपनी क्षमता का प्रदर्शन किया

Kangra Airport emergency response team demonstrated its capabilities in mock drill

आपातकालीन तैयारियों और अंतर-एजेंसी समन्वय के परीक्षण के उद्देश्य से गुरुवार को कांगड़ा हवाई अड्डे पर एक मॉक एंटी-हाइजैकिंग अभ्यास सफलतापूर्वक आयोजित किया गया। इस अभ्यास की अध्यक्षता कांगड़ा के उपायुक्त हेमराज बैरवा ने की और संचालन हवाई अड्डा निदेशक धीरेंद्र सिंह ने किया।

इस घटना में दिल्ली से जम्मू जा रही एक उड़ान का नकली अपहरण शामिल था, जिसे 65 यात्रियों के साथ कांगड़ा हवाई अड्डे पर जबरन उतारा गया। यह नकली संकट और भी बढ़ गया, जिसमें 10 यात्री घायल हो गए और दो के हताहत होने की सूचना मिली। हवाई अड्डा सुरक्षा इकाई (एपीएसयू) कांगड़ा ने राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी), नागरिक उड्डयन सुरक्षा ब्यूरो (बीसीएएस) और अन्य कानून प्रवर्तन एवं आपातकालीन प्रतिक्रिया एजेंसियों के साथ मिलकर स्थिति को प्रभावी ढंग से संभाला।

इस अभियान में वास्तविक समय में सामरिक युद्धाभ्यास, बंधकों से बातचीत का अनुकरण, चिकित्सा प्राथमिकता प्रक्रियाएँ और व्यापक परिधि सुरक्षा जाँच शामिल थीं। उच्च दबाव की परिस्थितियों के बावजूद, संयुक्त प्रतिक्रिया दल ने अपहर्ताओं को मार गिराया, जिससे नागरिक उड्डयन के लिए वास्तविक दुनिया के खतरों का मुकाबला करने की उनकी मज़बूत तैयारी का प्रदर्शन हुआ।

इस अभ्यास का अवलोकन वरिष्ठ अधिकारियों ने किया, जिनमें एएसपी बीर बहादुर, एएसपी (द्वितीय बटालियन) आशीष शर्मा, उप-एसपी अंकित शर्मा, बीसीएएस पर्यवेक्षक कृपाल सिंह और मुख्य सुरक्षा अधिकारी शनि अंचल शामिल थे। उनकी उपस्थिति ने क्षेत्रीय और राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा को मज़बूत करने में ऐसे समन्वित सिमुलेशन के महत्व को और पुष्ट किया।

डीसी बैरवा ने कहा, “इस अभ्यास की सफलता न केवल हमारे सुरक्षाकर्मियों की सतर्कता को दर्शाती है, बल्कि विभिन्न एजेंसियों के बीच निर्बाध समन्वय को भी दर्शाती है। यह किसी भी विमानन संकट से निपटने के लिए हमारी तत्परता का स्पष्ट प्रमाण है।”

हवाई अड्डे के निदेशक धीरेंद्र सिंह ने कहा, “इस तरह के नियमित अभ्यास बेहद ज़रूरी हैं। इनसे हमें अपनी तैयारियों का आकलन करने, किसी भी परिचालन संबंधी कमियों की पहचान करने और उन्हें दूर करने में मदद मिलती है, और यह सुनिश्चित करने में भी मदद मिलती है कि यात्रियों की सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहे – चाहे कितना भी ख़तरा क्यों न हो।”

इस मॉक ड्रिल में अपहरण की आपात स्थिति का अद्भुत यथार्थवादी चित्रण किया गया, जिससे कांगड़ा हवाई अड्डे के राष्ट्रीय सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन और नागरिकों के जीवन की रक्षा के प्रति उसकी प्रतिबद्धता की पुष्टि हुई। यह संयुक्त अभ्यास क्षेत्रीय संकट प्रतिक्रिया क्षमताओं को बढ़ाने और अपहरण-रोधी बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुआ।

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