कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति सोमनाथ सचदेवा ने कहा है कि तकनीकी नवाचार विकसित भारत की आधारशिला है।
वे हाल ही में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के यूआईईटी के मैकेनिकल विभाग द्वारा आयोजित “ईवी सक्षम: इलेक्ट्रिक वाहन डिजाइन और विकास” विषय पर पांच दिवसीय कार्यशाला के समापन समारोह में बोल रहे थे। कुलपति ने कहा कि आज ईवी वाहनों का युग है और भारत सरकार ने 2030 तक पेट्रोल और डीजल वाहनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने का मिशन बनाया है, जिसके कारण ईवी वाहनों की मांग बढ़ रही है।
उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन से चलने वाले वाहन में करीब 2,000 घटक होते हैं, जबकि ईवी वाहन में केवल 20 घटक होते हैं। उन्होंने यूआईईटी के छात्रों द्वारा बनाई गई दो ईवी फॉर्मूला रेसिंग कारों का निरीक्षण किया और कहा कि यह प्रयास छात्रों को नवीनतम तकनीक सीखने के अवसर प्रदान करेगा। सचदेवा ने युवा छात्रों से स्टार्ट-अप की दिशा में लगातार कदम बढ़ाने का आह्वान किया ताकि वे नौकरी चाहने वालों के बजाय नौकरी देने वाले बनें। उन्होंने वुल्फ 2.0 एडवेंचर कार का भी निरीक्षण किया।
यूआईईटी के निदेशक सुनील ढींगरा ने सोसाइटी ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियर्स के बारे में बात की। डॉ. विशाल अहलावत ने कार्यशाला की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की। कार्यशाला के दौरान छात्रों द्वारा फार्मूला ईवी वाहन बनाने के लिए अपशिष्ट पदार्थों का उपयोग किया गया।
इसके अलावा, 32 छात्रों की एक टीम ने एक वाहन बनाया, जिसमें डिज़ाइन, बैटरी, पाइप-कटिंग, इंस्टॉलेशन, ब्रेक और टायर से जुड़े काम शामिल थे। इसे बनाने में करीब 1 लाख रुपए की लागत आई।